रोडवेज कर्मियों से रोजाना हो रही अभद्रता... पढ़िए पूरी खबर...

रोडवेज कर्मियों से रोजाना हो रही अभद्रता... पढ़िए पूरी खबर...



रामनगर: रामनगर में बाहर से आ रही रोडवेज बस को डिग्री कॉलेज में रोक कर यात्रियों को कोविड टेस्ट कराने पर ही छोड़ा जा रहा है. इस प्रक्रिया में यात्री रोडवेज कर्मियों से अभद्रता करने और मारपीट पर भी उतारू हो रहे हैं. रोडवेज कर्मियों से हो रही अभद्रता को लेकर एआरएम ने एसडीएम से सुरक्षा की मांग की है.
पहली घटना मंगलवार को रामनगर से काशीपुर व हल्द्वानी चलने वाली रोडवेज बस (यूके-07पीए-3223) में चालक राम सिंह और परिचालक मो. हारून के साथ रामनगर के भवानीगंज चौराहे पर यात्री उतारने को लेकर अभद्रता हुई. दोनों रोडवेज कर्मियों ने बताया कि काशीपुर से लौटते समय जब वह भवानीगंज चौराहे पर पहुंचे तो कुछ यात्री उतरने लगे. जब यात्रियों को रोका गया तो वह गालीगलौज और मारपीट पर उतारू हो गए. ऐसे में यात्री जाम लगा होने की वजह से जबरन बस से उतर गए.
दूसरी घटना भी भवानीगंज में हुई. काशीपुर से आ रही बस (यूके-07पीए-1099) के परिचालक चंद्रशेखर ने जानकारी देते हुए बताया कि यात्रियों को भवानीगंज में रोकने से मना किया तो यात्री उसे धक्का देकर चले गए. चौराहे पर मौजूद पुलिस कर्मियों से शिकायत की गई, लेकिन पुलिस कर्मियों ने कोई कार्रवाई नहीं की.
तीसरी घटना भवानीगंज से पहले हुई. काशीपुर से आ रही बस (यूके-07पीए-2958) के परिचालक मो. शाहिद ने बताया कि बस से उतरने के लिए कई यात्रियों ने उसके साथ अभद्रता की. रोडवेज कर्मियों ने बताया कि रामनगर में डिग्री कॉलेज में बस रोकने और रास्ते में यात्रियों को नहीं उतारने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं यात्री पीरूमदारा, शिवलालपुर पांडे आदि जगहों में उतरने के लिए कहते हैं, मना करने पर अभद्रता कर रहे हैं.
रोडवेज कर्मियों से रोजाना हो रही अभद्रता... पढ़िए पूरी खबर...

इधर, एआरएम मोहन राम आर्य ने बताया कि स्थानीय प्रशासन के निर्देश पर रोडवेज कर्मी यात्रियों को रास्ते में नहीं उतार रहे है. रोडवेज कर्मियों से हो रही अभद्रता की जानकारी एसडीएम को दी गई है.
एसडीएम विजयनाथ शुक्ल का कहना है कि यात्रियों को रास्ते में नहीं उतारने का आदेश राज्य के अंदर चलने वाली बसों के लिए नहीं है. बाहरी राज्यों से उत्तराखंड आने वाले यात्रियों के लिए यह नियम लागू है.

परिवहन विभाग के मंडलीय प्रबंधक (संचालन) यशपाल सिंह का कहना है कि स्थानीय प्रशासन के द्वारा बसों को डिग्री कालेज में रोका जा रहा है. जबकि परिवहन विभाग के आदेश हैं कि बस में यात्री को बैठाते ही उसका पंजीकरण करना जरूरी है.

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