अपराधों और अवैध खनन के लिए बदनाम थानों और चौकियों में तैनात थे निलंबित दरोगा
वर्ष 2015 की दरोगा भर्ती मामले में जो दरोगा निलंबित किए गए हैं उनमें से कुछ की तैनाती ऐसे थानों व चौकियों में थी जो अवैध खनन और अपराध के मामले में संवेदनशील हैं.
विजिलेंस ने पुलिस मुख्यालय को 20 दरोगाओं की सूची सौंपी थी. जिसके बाद सभी 20 दरोगाओं को पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर निलंबित कर दिया गया. इनमें से 12 दरोगा कुमाऊं मंडल में तैनात थे.
उधम सिंह नगर के सात दरोगाओं में से कुछ की तैनाती ऐसी जगह थी जहां की चौकियां व थाने किसी ना किसी तरह के अपराध, अवैध खनन, तस्करी और शिकार के लिए चर्चा में रहा है.
आपको बता दें कि उधम सिंह नगर के दो थाने दूसरे राज्य और देश की सीमा से जुड़े हैं.
ऊधमसिंह नगर जिले के 2 थाने पड़ोसी राज्य और देश की सीमा से जुड़े हैं. नेपाल बॉर्डर से झनकइया थाना और जसपुर थाना यूपी बॉर्डर से सटा होने के कारण यहां मादक पदार्थों की तस्करी के मामले लगातार सामने आते हैं. इस सब के अलावा अपराधियों के दूसरे राज्य व देश में पहुंचने का खतरा भी बना रहता है. वहीं बात करें ट्रांजिट कैंप थाने की तो ऊधमसिंह नगर जिले के आपराधिक मामलों में सबसे आगे रहने वाले थानाक्षेत्रों में से एक है. यहां आए दिन चोरी, लूट, हत्या समेत कई तरह के अपराध दर्ज होते रहते हैं.
निलंबित होंगी 60 से ज्यादा विवेचनाएं
कुमाऊं मंडल के 12 दरोगाओं के निलंबित होने के बाद अब उनके पास लंबित पड़ी करीब 60 विवेचनाओं को हस्तांरित किया जाएगा. इन विवेचनाओं में हत्या, चोरी, अपहरण, महिला संबंधी अपराध समेत सड़क दुर्घटना जैसे मामले शामिल हैं. इनके हस्तांतरित होने के बाद नए विवेचक अपने तरीके से जांच शुरू करेंगे. इस वजह से जांच पूरी होने में देरी तो होगी ही साथ ही पीड़ित को न्याय के लिए इंतजार भी करना पड़ सकता है.
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