परिचय: पहाड़ी मसान क्या है?
उत्तराखंड की पहाड़ियों में एक रहस्यमयी शक्ति की मान्यता है जिसे पहाड़ी मसान कहा जाता है। यह कोई साधारण भूत नहीं, बल्कि मसान देवता के रूप में पूजनीय है। मसान शब्द शमशान से लिया गया है, और यह आत्मा उन लोगों की मानी जाती है जिनका अंतिम संस्कार अधूरा रह गया हो।
मसान देवता की पूजा और मान्यताएँ
उत्तराखंड के कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों में मसान देवता की पूजा विशेष रूप से की जाती है। लोग मानते हैं कि:
मसान देवता भूत-प्रेत से रक्षा करते हैं।
यदि किसी व्यक्ति पर मसान लगना हो जाए, तो झाड़-फूंक और मसान पूजा से राहत मिलती है।
मसान देवता न्याय के प्रतीक भी माने जाते हैं, खासकर तब जब समाज से न्याय नहीं मिलता।
पहाड़ी मसान की लोककथाएँ
एक प्रसिद्ध कहानी के अनुसार, एक गांव में मसान की आत्मा ने आतंक फैला रखा था। गांव के लोग रात को बाहर निकलने से डरते थे। तब एक तांत्रिक साधु ने आकर मसान को मंत्रों से बांध दिया और उसे गुरु मानने को मजबूर किया। इसके बाद गांव में शांति लौट आई।
मसान देवता के मंदिर
उत्तराखंड में कई जगहों पर मसान देवता के मंदिर हैं, खासकर नदी किनारे या शमशान भूमि के पास। इन मंदिरों में पूजा करने के लिए विशेष नियम होते हैं:
पूजा के समय शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है।
लाल कपड़े, धूप, और सरसों का तेल चढ़ाया जाता है।
कई बार बकरे की बलि भी दी जाती है, हालांकि यह प्रथा अब कम हो रही है।
निष्कर्ष
पहाड़ी मसान उत्तराखंड की धार्मिकता, भय, और लोक आस्था का अनोखा मिश्रण है। यह न केवल एक भूतिया कथा है, बल्कि सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा भी है। यदि आप उत्तराखंड की यात्रा करें, तो इन रहस्यमयी मंदिरों और लोककथाओं को जानना एक अद्भुत अनुभव होगा।

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