गुरुवार 30 मई को उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं और 12वीं का रिजल्ट जारी हो गया. सभी छात्र सुबह से ही अपने रिजल्ट देखने के लिए उत्सुक नजर आ रहे थे. बोर्ड का रिजल्ट आने के बाद एक राजमिस्त्री ने 12वीं की परीक्षा में पुत्र के लगातार तीन बार फेल होने से क्षुब्ध होकर जहर खा लिया. आनन फानन में परिजनों ने उसे रानीखेत राजकीय अस्पताल में भर्ती कराया. बताया जा रहा है कि अब उसकी हालत खतरे से बाहर है. चौखुटिया के महाकालेश्वर निवासी एक आदमी राजमिस्त्री का काम करता है. उनके पुत्र ने इस बार 12 वीं और पुत्री ने 10 वीं की परीक्षा दी थी.
बृहस्पतिवार को नतीजे आने वाले थे. राजमिस्त्री को दोनों बच्चों के पास होने की उम्मीद लगाई थी. लेकिन नतीजे आते ही पुत्र के तीसरे साल भी लगातार फेल होने की सूचना से वह काफी परेशान हो गए. हालांकि उनकी बेटी पास हो गई है. बेटे के फेल होने से क्षुब्ध होकर दोपहर को बच्चों के पिता जीवनराम ने जहर खा लिया. राजमिस्त्री को परिजनों द्वारा राजकीय प्राथमिक चिकित्सालय चौखुटिया ले जाया गया. वहां से चिकित्सकों द्वारा उन्हें राजकीय अस्पताल रानीखेत रेफर कर दिया गया. राजकीय अस्पताल में डॉ. विपिन चंद्र और डॉ. कमल किशोर की निगरानी में उनका उपचार किया गया. बताया जा रहा है कि वह 24 घंटे तक डॉक्टरों की निगरानी में ही रहेंगे.
बृहस्पतिवार को नतीजे आने वाले थे. राजमिस्त्री को दोनों बच्चों के पास होने की उम्मीद लगाई थी. लेकिन नतीजे आते ही पुत्र के तीसरे साल भी लगातार फेल होने की सूचना से वह काफी परेशान हो गए. हालांकि उनकी बेटी पास हो गई है. बेटे के फेल होने से क्षुब्ध होकर दोपहर को बच्चों के पिता जीवनराम ने जहर खा लिया. राजमिस्त्री को परिजनों द्वारा राजकीय प्राथमिक चिकित्सालय चौखुटिया ले जाया गया. वहां से चिकित्सकों द्वारा उन्हें राजकीय अस्पताल रानीखेत रेफर कर दिया गया. राजकीय अस्पताल में डॉ. विपिन चंद्र और डॉ. कमल किशोर की निगरानी में उनका उपचार किया गया. बताया जा रहा है कि वह 24 घंटे तक डॉक्टरों की निगरानी में ही रहेंगे.
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