देहरादून के रायवाला में एक स्कूल के निर्माण के लिए हरे पड़ों का कटान, स्कूल भवन का नक्शा पास न होने और प्राधिकरण के नोटिस पर अमल न होने के मामले में जवाब मांगा गया था. जवाब न मिलने पर हाईकोर्ट द्वारा जिलाधिकारी देहरादून सी रविशंकर को अवमानना नोटिस जारी किया गया है. हाईकोर्ट ने डीएम को चार सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने के निर्देश दिए हैं. मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष हुई.
देहरादून की पर्वत पुत्र पुनरुत्थान समिति द्वारा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर कहा गया था कि गुरुग्राम हरियाणा निवासी रचना पंडित ने देहरादून क्षेत्र के रायवाला में 25 बीघा जमीन पर दिल्ली पब्लिक स्कूल नाम से अवैध निर्माण किया हुआ है. स्कूल बनाने के नाम पर इस क्षेत्र में कई हरे पेड़ भी काट दिए हैं. याचिका में कहा गया कि सूचना के अधिकार के तहत मांगी जानकारी के तहत दून घाटी विशेष क्षेत्र प्राधिकरण से स्कूल के लिए बन रहे भवन का कोई नक्शा पास नहीं हुआ है. स्कूल में पढ़ रहे छात्रों से अधिक शुल्क वसूला जाता है. प्राधिकरण स्तर से स्कूल को बंद करने के नोटिस जारी किए गए थे लेकिन नोटिस का कोई असर नहीं हुआ. बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई है. पूर्व सुनवाई में डीएम से जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया था लेकिन समय पर जवाब नहीं मिलने पर कोर्ट के आदेश पर 12 सितंबर को डीएम देहरादून को कोर्ट में व्यक्तिगत तौर पर पेश होना पड़ा था. कोर्ट की ओर से उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया था, लेकिन शनिवार तक जवाब नहीं मिलने पर कोर्ट ने इसको अवमानना माना है. अब कोर्ट ने चार सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिया गया है.
देहरादून की पर्वत पुत्र पुनरुत्थान समिति द्वारा हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर कहा गया था कि गुरुग्राम हरियाणा निवासी रचना पंडित ने देहरादून क्षेत्र के रायवाला में 25 बीघा जमीन पर दिल्ली पब्लिक स्कूल नाम से अवैध निर्माण किया हुआ है. स्कूल बनाने के नाम पर इस क्षेत्र में कई हरे पेड़ भी काट दिए हैं. याचिका में कहा गया कि सूचना के अधिकार के तहत मांगी जानकारी के तहत दून घाटी विशेष क्षेत्र प्राधिकरण से स्कूल के लिए बन रहे भवन का कोई नक्शा पास नहीं हुआ है. स्कूल में पढ़ रहे छात्रों से अधिक शुल्क वसूला जाता है. प्राधिकरण स्तर से स्कूल को बंद करने के नोटिस जारी किए गए थे लेकिन नोटिस का कोई असर नहीं हुआ. बावजूद इसके कोई कार्रवाई नहीं हुई है. पूर्व सुनवाई में डीएम से जवाब दाखिल करने के लिए कहा गया था लेकिन समय पर जवाब नहीं मिलने पर कोर्ट के आदेश पर 12 सितंबर को डीएम देहरादून को कोर्ट में व्यक्तिगत तौर पर पेश होना पड़ा था. कोर्ट की ओर से उन्हें कारण बताओ नोटिस दिया गया था, लेकिन शनिवार तक जवाब नहीं मिलने पर कोर्ट ने इसको अवमानना माना है. अब कोर्ट ने चार सप्ताह में जवाब देने के निर्देश दिया गया है.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
Please do not post any spam link in the comment box.