करवाचौथ से पहले उजड़ा महिला का सुहाग. मदद के लिए गिड़गिड़ाई महिला. अस्पताल में हुआ यह... पढ़िए पूरी खबर
हल्द्वानी: ऊधमसिंह नगर जिले के ठाकुर नगर ट्रांजिट कैंप के निवासी उमेश वर्मा के परिवार पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा. सड़क दुर्घटना के दौरान घायल हुए उमेश वर्मा की करवाचौथ से ठीक पहले इलाज के दौरान सुशीला तिवारी अस्पताल में मौत हो गई. उमेश की पत्नी के पास इलाज का बिल चुकाने के लिए पैसे तक नहीं थे. वह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य के सामने गिड़गिड़ाने लगी. प्राचार्य ने मानवता के नाते इलाज का खर्च माफ कर दिया साथ ही शव ले जाने के लिए एंबुलेंस भी उपलब्ध कराई.
11 अक्तूबर के दिन 36 वर्षीय उमेश वर्मा पुत्र महिपाल बाइक से मुरादाबाद जा रहे थे. अज्ञात वाहन की टक्कर से उमेश घायल हो गया. उमेश को हल्द्वानी एसटीएच में भर्ती कराया गया. बुधवार की देर रात उपचार के दौरान उमेश की मौत हो गई. उमेश की पत्नी मोनिका वर्मा के हाथ में अस्पताल प्रशासन ने 22 हजार रुपये का बिल थमा दिया. साथ ही उमेश के शव को पोस्टमार्टम हाउस भिजवा दिया. उमेश की पत्नी ने डॉक्टरों के आगे गिड़गिड़ाते हुए कहा कि उसके पास फूटी कौड़ी भी नहीं है. मामले की जानकारी जब अस्पताल के अधीक्षक अरुण जोशी तक पहुंची तो उन्होंने नियमानुसार आधा बिल माफ करने का फैसला लिया. लेकिन मोनिका के पास आधा बिल देने के लिए भी रुपये नहीं थे. इसके बाद मोनिका मदद के लिए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीपी भैसोड़ा के पास पहुंचीं और रोते हुए उनके पैरों में गिर पड़ीं. मोनिका ने प्राचार्य से पूरा बिल माफ करने की गुहार लगाई. प्राचार्य ने जानकारी देते हुए बताया कि मेडिको लीगल मामला होने के कारण शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था. जब महिला ने समस्या बताई तो उसका पूरा बिल माफ किया गया साथ ही पति के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस भी उपलब्ध कराई गई.
सुहाग उजड़ने के बाद मोनिका जोर जोर से रोने लगी और लोगों से मदद की गुहार लगा रही थी. उसके पास पति के शव को घर ले जाने के लिए तक पैसे नहीं थे. महिला की ऐसी हालत देख कांग्रेस कार्यकर्ताओं की आंखें भर आईं. अपनी क्षमता के अनुसार उन्होंने महिला की आर्थिक मदद की.
11 अक्तूबर के दिन 36 वर्षीय उमेश वर्मा पुत्र महिपाल बाइक से मुरादाबाद जा रहे थे. अज्ञात वाहन की टक्कर से उमेश घायल हो गया. उमेश को हल्द्वानी एसटीएच में भर्ती कराया गया. बुधवार की देर रात उपचार के दौरान उमेश की मौत हो गई. उमेश की पत्नी मोनिका वर्मा के हाथ में अस्पताल प्रशासन ने 22 हजार रुपये का बिल थमा दिया. साथ ही उमेश के शव को पोस्टमार्टम हाउस भिजवा दिया. उमेश की पत्नी ने डॉक्टरों के आगे गिड़गिड़ाते हुए कहा कि उसके पास फूटी कौड़ी भी नहीं है. मामले की जानकारी जब अस्पताल के अधीक्षक अरुण जोशी तक पहुंची तो उन्होंने नियमानुसार आधा बिल माफ करने का फैसला लिया. लेकिन मोनिका के पास आधा बिल देने के लिए भी रुपये नहीं थे. इसके बाद मोनिका मदद के लिए मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सीपी भैसोड़ा के पास पहुंचीं और रोते हुए उनके पैरों में गिर पड़ीं. मोनिका ने प्राचार्य से पूरा बिल माफ करने की गुहार लगाई. प्राचार्य ने जानकारी देते हुए बताया कि मेडिको लीगल मामला होने के कारण शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया था. जब महिला ने समस्या बताई तो उसका पूरा बिल माफ किया गया साथ ही पति के शव को ले जाने के लिए एंबुलेंस भी उपलब्ध कराई गई.
सुहाग उजड़ने के बाद मोनिका जोर जोर से रोने लगी और लोगों से मदद की गुहार लगा रही थी. उसके पास पति के शव को घर ले जाने के लिए तक पैसे नहीं थे. महिला की ऐसी हालत देख कांग्रेस कार्यकर्ताओं की आंखें भर आईं. अपनी क्षमता के अनुसार उन्होंने महिला की आर्थिक मदद की.
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