हल्द्वानी: शादी का झांसा देकर युवती से दुराचार करने वाले इंजीनियर को सात साल की कैद. पढ़िए पूरा मामला...
शादी का झांसा देकर युवती से दुराचार करने वाले इंजीनियर को द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मोहम्मद सुलतान की अदालत ने सात वर्ष कारावास की सजा सुनाई. सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता घनश्याम पंत ने जानकारी देते हुए बताया कि संजय नगर आवास विकास निवासी जसवंत सिंह बिष्ट देहरादून के एक शिक्षण संस्थान से इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था. वहीं हल्द्वानी निवासी एक युवती भी उसी संस्थान में बीटेक की छात्रा थी.
युवती ने आरोप लगाते हुए कहा कि लंबे समय तक दोनों के बीच प्रेम संबंध रहा, इस दौरान जसवंत ने उसे शादी का वादा कर उसके साथ दुराचार किया और बाद में दूसरी युवती से शादी कर ली. युवती द्वारा जसवंत के खिलाफ मुखानी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जसवंत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. वर्ष 2017 में जेल में रहने के दौरान ही जसवंत ने युवती के खिलाफ रंगदारी का मुकदमा दर्ज कराया. जसवंत ने आरोप लगाया कि युवती उससे मिलने जेल में आई और मुकदमा वापस लेने के लिए आठ लाख रुपये की रंगदारी मांगी. पुलिस ने युवती के खिलाफ भी मामला दर्ज किया और जांच पड़ताल की जिसमें आरोप निराधार पाए गए. इसके बाद यह पूरा मामला द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मो. सुलतान की अदालत में पहुंचा. यहां अधिवक्ता घनश्याम पंत ने छह गवाह पेश किए और दोष सिद्ध किया. इसके आधार पर शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने जसवंत को सात वर्ष कारावास की सजा सुनाई है.
युवती ने आरोप लगाते हुए कहा कि लंबे समय तक दोनों के बीच प्रेम संबंध रहा, इस दौरान जसवंत ने उसे शादी का वादा कर उसके साथ दुराचार किया और बाद में दूसरी युवती से शादी कर ली. युवती द्वारा जसवंत के खिलाफ मुखानी थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया है. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए जसवंत को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. वर्ष 2017 में जेल में रहने के दौरान ही जसवंत ने युवती के खिलाफ रंगदारी का मुकदमा दर्ज कराया. जसवंत ने आरोप लगाया कि युवती उससे मिलने जेल में आई और मुकदमा वापस लेने के लिए आठ लाख रुपये की रंगदारी मांगी. पुलिस ने युवती के खिलाफ भी मामला दर्ज किया और जांच पड़ताल की जिसमें आरोप निराधार पाए गए. इसके बाद यह पूरा मामला द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश मो. सुलतान की अदालत में पहुंचा. यहां अधिवक्ता घनश्याम पंत ने छह गवाह पेश किए और दोष सिद्ध किया. इसके आधार पर शुक्रवार को फैसला सुनाते हुए कोर्ट ने जसवंत को सात वर्ष कारावास की सजा सुनाई है.
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