साढ़े आठ घंटे तक ग्रामीणों ने रोकी सैलानियों की राह. प्रदर्शन के दौरान पौड़ी के डीएम की कार भी फसी.

रामनगर: रविवार को ईको सेंसिटिव जोन के विरोध में चल रहा ग्रामीणों का प्रदर्शन उग्र हो गया. सुबह छह बजे ग्रामीणों ने झिरना पर्यटन मार्ग को बंद कर दिया और सड़क पर ही दरी बिछाकर बैठ गए. लगभग साढ़े आठ घंटे तक वहां जाम लगा रहा. जिसकी वजह से सुबह की पाली में जंगल सफारी को जाने वाले 270 पर्यटकों को परेशानी का सामना करना पड़ा. दोपहर के बाद एसडीएम के समझाने पर ग्रामीण माने. ग्रामीणों ने अब 27 नवंबर को धरना देने का एलान किया है.
रविवार की सुबह छह बजे ढेला के ग्रामीणों ने कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढेला और झिरना जोन को बंद कर दिया और सड़क पर ही बैठ गए. ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव को ईको सेंसिटिव जोन के दायरे से बाहर किया जाए और यहां के ग्रामीणों का विस्थापन न हो. इस दौरान देश-विदेश से आये कई पर्यटक मार्ग खुलने का इंतजार करते रहे. दोपहर बाद एसडीओ कालागढ़ आरके तिवारी मौके पर पहुंचे. लेकिन ग्रामीणों ने उनकी बात सुनने से साफ इंकार कर दिया. इस दौरान ग्रामीण सीटीआर निदेशक राहुल को मौके पर बुलाने की मांग पर अड़े रहे. उसके बाद एक बजे के आसपास पार्क वार्डन शिवराज मौके पर पहुंचे.
उन्होंने ग्रामीणों को सीटीआर निदेशक का लिखित पत्र दिखाया, जिसमें 27 नवंबर को वन मंत्री के साथ होने वाली बैठक में इस मुद्दे को रखने की बात कही थी. इसके बाद भी ग्रामीण निदेशक को मौके पर बुलाने की जिद पर अड़े रहे.
इस बीच एसडीएम हर गिरी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने ग्रामीणों को समझाने लगे कि 27 नवंबर को होने वाले फैसले तक जाम न लगाएं. दोपहर लगभग ढाई बजे धरना प्रदर्शन खत्म हुआ. ग्राम प्रधान मदन मोहन ने जानकारी देते हुए बताया कि 27 नवंबर तक सड़क किनारे धरना जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि यदि उनके हक में फैसला नहीं आता तो फिर से उग्र आंदोलन किया जाएगा. इस दौरान भाजपा नेता इंदर रावत, भूपेंद्र सिंह खाती, प्रताप सिंह, नंदा बल्लभ, रमेश अधिकारी, रमा देवी, पुष्पा करगेती, उमा देवी, नवीन फुलारा, बसंती देवी आदि मौके पर मौजूद रहे.
धरना प्रदर्शन के दौरान ग्रामीणों ने पौड़ी गढ़वाल के डीएम की कार भी रोक दी. हालांकि इस दौरान कार में डीएम सवार नहीं थे. बताया जा रहा है कि डीएम हल्द्वानी में बैठक में शामिल होने के लिए आए थे. इस बीच उनका स्टाफ एक फाइल लेने के लिए कालागढ़ के रास्ते कोटद्वार जा रहा था. लेकिन ग्रामीणों के प्रदर्शन के दौरान उनकी कार को भी रोक दिया गया. एसडीएम के समझाने पर ग्रामीणों ने डीएम की कार को जाने दिया.

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