निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले के दोषी विनय शर्मा की दया याचिका राष्ट्रपति के पास पहुंचने पर तिहाड़ जेल प्रशासन ने फांसी की तैयारी शुरू कर दी है. याचिका खारिज होने के तुरंत बाद अदालत से डेथ वारंट लिया जाएगा, जिससे फांसी का रास्ता साफ हो जाएगा. बताया जा रहा है कि तिहाड़ जेल के पास अपना जल्लाद नहीं है. इसलिए जेल प्रशासन ने दक्षिण भारत और उत्तर प्रदेश की कई जेल अधिकारियों द्वारा बातचीत शुरू कर दी गई है. जेल सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रपति के पास भेजी गई दया याचिका खारिज होते ही फांसी की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी. अदालत के डेथ वारंट मिलने के बाद तिहाड़ में दोषियों को फांसी दे दी जाएगी. इससे पहले अफजल गुरु की फांसी के समय भी तिहाड़ जेल के पास कोई जल्लाद मौजूद नहीं था.
उस समय जेल अधिकारियों में से ही किसी एक अधिकारी ने अफजल गुरु को फांसी दी थी. सूत्रों के मुताबिक जेल प्रशासन मौजूदा हालात में किसी भी जल्लाद की नियुक्ति नहीं कर सकता. फांसी के लिए किसी अन्य जेल से उसे जल्लाद को बुलाना होगा. जेल के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि फांसी की सजा कभी-कभार दी जाती है. ऐसे में जल्लाद की स्थायी नियुक्ति की जरूरत नहीं पड़ती है. तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि जरूरत पड़ने पर दूसरे राज्यों की जेलों से जल्लाद को बुलाया जाएगा. फिलहाल दया याचिका खारिज होने के बाद ही इस पर कोई बातचीत हो सकेगी. जेल सूत्रों के मुताबिक दया याचिका भेजे जाने के बाद से ही निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले के चारों दोषियों पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जा रही है. उनके पास जाकर जेल के कर्मचारी उनसे बातचीत भी कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि चारों दोषियों अक्षय, विनय, पवन और मुकेश के चेहरे पर तनाव साफ दिखाई दे रहा है. हालांकि दोषी विनय जेल अधिकारियों से राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने के मामले में लगातार बातचीत कर रहा है.
उस समय जेल अधिकारियों में से ही किसी एक अधिकारी ने अफजल गुरु को फांसी दी थी. सूत्रों के मुताबिक जेल प्रशासन मौजूदा हालात में किसी भी जल्लाद की नियुक्ति नहीं कर सकता. फांसी के लिए किसी अन्य जेल से उसे जल्लाद को बुलाना होगा. जेल के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि फांसी की सजा कभी-कभार दी जाती है. ऐसे में जल्लाद की स्थायी नियुक्ति की जरूरत नहीं पड़ती है. तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि जरूरत पड़ने पर दूसरे राज्यों की जेलों से जल्लाद को बुलाया जाएगा. फिलहाल दया याचिका खारिज होने के बाद ही इस पर कोई बातचीत हो सकेगी. जेल सूत्रों के मुताबिक दया याचिका भेजे जाने के बाद से ही निर्भया सामूहिक दुष्कर्म मामले के चारों दोषियों पर सीसीटीवी कैमरे से नजर रखी जा रही है. उनके पास जाकर जेल के कर्मचारी उनसे बातचीत भी कर रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि चारों दोषियों अक्षय, विनय, पवन और मुकेश के चेहरे पर तनाव साफ दिखाई दे रहा है. हालांकि दोषी विनय जेल अधिकारियों से राष्ट्रपति के पास दया याचिका भेजने के मामले में लगातार बातचीत कर रहा है.
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