वन आरक्षी का पेपर लीक मामले में सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस. पूर्व सीएम हरीश रावत ने राज्य सरकार पर साधा निशाना
हल्द्वानी: 16 फरवरी को हुई वन आरक्षी की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक होने को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है. पूर्व सीएम ने ट्वीट कर अपनी नाराजगी जाहिर की. पूर्व सीएम हरीश रावत ने कहा कि उत्तराखंड में भाजपा की सरकार को तीन साल बाद याद आई कि बेरोजगारों को नौकरी मिलनी है और सरकारी पद खाली हैं.
खाली पदों के लिए इम्तिहान करवाने से पहले ही पर्चा आउट कर दिया ताकि आम के आम और गुठली के दाम मिल जाएं. मतलब काम न करना पड़े और यह भी हो जाए कि देखो हमने तो पद निकाले हैं और भर भी रहे हैं. उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पर्चा जो लीक किया गया वह सुनियोजित तरीके से किया गया है. ताकि युवाओं को नौकरी न देनी पड़े. हरीश रावत के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई. किसी ने लिखा कि 16 फरवरी को हुई परीक्षा पूरे उत्तराखंड में रद्द होनी चाहिए. इतना ही नहीं कुछ लोगों ने बड़े उद्योगपतियों का नाम भी लिखते हुए भी टिप्पणी कर दी. वहीं कुछ ने कांग्रेस के आला नेताओं पर टिप्पणी की.
खाली पदों के लिए इम्तिहान करवाने से पहले ही पर्चा आउट कर दिया ताकि आम के आम और गुठली के दाम मिल जाएं. मतलब काम न करना पड़े और यह भी हो जाए कि देखो हमने तो पद निकाले हैं और भर भी रहे हैं. उन्होंने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पर्चा जो लीक किया गया वह सुनियोजित तरीके से किया गया है. ताकि युवाओं को नौकरी न देनी पड़े. हरीश रावत के ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर बहस छिड़ गई. किसी ने लिखा कि 16 फरवरी को हुई परीक्षा पूरे उत्तराखंड में रद्द होनी चाहिए. इतना ही नहीं कुछ लोगों ने बड़े उद्योगपतियों का नाम भी लिखते हुए भी टिप्पणी कर दी. वहीं कुछ ने कांग्रेस के आला नेताओं पर टिप्पणी की.
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