हल्द्वानी: कुमाऊं का लाल कुपवाड़ा में शहीद. सूचना मिलते ही शोक की लहर...

हल्द्वानी: कुमाऊं का लाल कुपवाड़ा में शहीद. सूचना मिलते ही शोक की लहर...



बृहस्पतिवार सुबह जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में तैनात हल्द्वानी स्थित गोरापड़ाव निवासी सूबेदार यमुना प्रसाद पनेरू पेट्रोलिंग के दौरान शहीद हो गए. यमुना प्रसाद कुपवाड़ा के गुरेज सेक्टर में तैनात थे. परिजनों के अनुसार शनिवार को शहीद यमुना प्रसाद का पार्थिव शरीर उनके गोरापड़ाव स्थित घर पहुंचने की संभावना है. यमुना प्रसाद के शहीद होने की खबर मिलते ही घर वालों का रो रो कर बुरा हाल है.यमुना प्रसाद के शहीद होने की खबर से उनकी पत्नी ममता सदमे में है. ममता और उनके बच्चे बार-बार यमुना प्रसाद की फोटो को देख कर रो पड़ते हैं, वहीं शहीद की मां माहेश्वरी देवी बेसुध सी हो गई हैं.
हल्द्वानी: कुमाऊं का लाल कुपवाड़ा में शहीद. सूचना मिलते ही शोक की लहर...
39 वर्षीय यमुना प्रसाद पनेरू मूलरूप से ओखलकांडा ब्लॉक के पदमपुर मीडार गांव के रहने वाले हैं. फरवरी 2002 में यमुना प्रसाद पुत्र स्व. दयाकिशन पनेरु रानीखेत में कुमाऊं रेजिमेंट की छह कुमाऊं में भर्ती हुए थे. उन्होंने प्राइमरी शिक्षा मीडार से ग्रहण की. इसके बाद 12वीं हरिद्वार से पास की और एमएससी देहरादून से किया. सेना में भर्ती होने के बाद यमुना प्रसाद सेना के पर्वतारोही दल में शामिल हो गए थे. वर्ष 2012 में उन्होंने एवरेस्ट फतह किया था. यमुना प्रसाद एवरेस्ट फतह करने वाले 6 कुमाऊं के पहले फौजी बने. इसके बाद उन्हें पर्वतारोहण से इतना लगाव हुआ कि उन्होंने नंदादेवी और कंचनजंघा पर्वत भी फतह कर लिया. बताया जा रहा था कि वर्ष 2013-14 में वह सेना की ओर से भूटान भी गए थे. भूटान से आने के बाद अपनी काबिलीयत के दम पर उन्होंने जेसीओ का कमीशन निकाला और हवलदार से सूबेदार बने. पिथौरागढ़ डाक विभाग में तैनात यमुना प्रसाद के बड़े भाई चंद्र प्रकाश ने जानकारी देते हुए बताया कि सेना के अधिकारियों ने उन्हें यमुना प्रसाद के पेट्रोलिंग के दौरान बृहस्पतिवार को शहीद होने की सूचना दी.
हल्द्वानी निवासी सूबेदार यमुना प्रसाद पनेरू को पर्वतारोहण से इतना लगाव था कि रिटायर होने के बाद भी वह इससे जुड़े रहना चाहते थे. उनका सपना था कि वे पहाड़ के युवाओं को पर्वतारोहण के लिए तैयार कर कुशल पर्वतारोही बनाएं. इसके लिए वह एक प्रशिक्षण केंद्र खोलने की भी इच्छा थी. इसी महीने के अंत में वह घर भी आने वाले थे.

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