सूर्यग्रहण 2020: आज देखें सूर्यग्रहण. क्यों है यह दुर्लभ आइए जानते हैं...
आज यानी रविवार को लगने वाला सूर्यग्रहण कई मामलों में अनूठा है. इसलिए इसे जी भर के देख लीजिए. लेकिन सावधानी के साथ. यह ग्रहण इसलिए बेहद दुर्लभ हो जाता है क्यों कि इसके बाद भारत से इस शताब्दी में केवल तीन सूर्यग्रहण और दिखाई देंगे वे भी लंबे अंतराल के बाद. उत्तर भारत में यह ग्रहण भी वलय (रिंग) रूप में केवल 21 किमी. चौड़ी एक पट्टी में ही नजर आएगा. अन्यत्र यह ग्रहण आंशिक ग्रहण की तरह नजर आएगा. वलय (रिंग) की अधिकतम अवधि मात्र 38 सेकंड रहेगी. इस सदी के बीते 20 वर्षों में भारत से 5 सूर्यग्रहण नजर आए जो 2005, 2006, 2009, 2010, 2019 में दिखाई दिए. आज लगने वाले ग्रहण को मिला कर 20 वर्ष में कुल 6 ग्रहण हो जाएंगे जो एक से लेकर 09 वर्ष तक के अंतराल में पड़ते रहे. इस वजह से देशवासियों के लिए यह एक दुर्लभ घटना नहीं रही. लेकिन इसके बाद पूरी इक्कीसवीं सदी में मात्र 3 सूर्यग्रहण ही भारत से नजर आएंगे जो की क्रमशः 14, 30 और 21 वर्ष के अंतराल में पड़ेंगे.
आपको बता दें कि भारत से नजर आने वाला अगला सूर्यग्रहण 20 मार्च 2034 को पड़ेगा, जो कि एक पूर्ण सूर्यग्रहण होगा और भारत इस दुर्लभ घटना का गवाह बनेगा. इसके बाद भारत से अगला सूर्यग्रहण 17 फरवरी 2064 को दिखाई देगा. इसके बाद भारत से नजर आने वाला इस सदी का अंतिम सूर्यग्रहण 22 जून, 2085 को पड़ेगा. बता दें कि वैसे 21 वीं सदी में कुल 224 सूर्य ग्रहण हैं, जिनमें से 77 आंशिक, 72 वलयाकार , 68 पूर्ण ग्रहण और 07 पूर्ण और वलयाकार ग्रहणों के बीच के संकर हैं. वर्ष 2029, 2047, 2065, 2076 और 2094 में 4 सूर्यग्रहण होंगे. इस सदी का सबसे लंबी अवधि (6 मिनट 38 सेकंड) का पूर्ण ग्रहण 22 जुलाई 2009 का था.
आपको बता दें कि पूर्ण सूर्य ग्रहण की सबसे लंबी संभव अवधि 7 मिनट 32 सेकंड होती है. इस सदी का सबसे लंबा वलयाकार सूर्य ग्रहण 15 जनवरी 2010 को 11 मिनट और 7.8 सेकंड की अवधि का था. वलयाकार सूर्य ग्रहण अधिकतम संभव अवधि 12 मिनट और 29 सेकंड होती है.
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