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मालूशाही और राजुला की प्रेम गाथा: कुमाऊँ की सबसे प्रसिद्ध महाकाव्य लोककथा |

📜 मालूशाही और राजुला की प्रेम गाथा (Kumaoni Epic Folk Ballad)


Malushahi Rajula

उत्तराखंड के कुमाऊँ क्षेत्र की अमर प्रेम कहानी: मालूशाही और राजुला की महाकाव्य गाथा। जानिए कैसे कत्यूरी राजकुमार ने अपनी भोटिया प्रेमिका को क्रूर राजा विखीपाल से बचाया। यह कुमाऊँ की सबसे प्रसिद्ध लोककथा है।

1. दिव्य प्रतिज्ञा और जन्म (Kumaoni Culture and Mythology)

कहानी प्राचीन कुमाऊँ के कत्यूरी साम्राज्य से शुरू होती है। राजा दुर्गदेव और रानी देवमती निःसंतान होने के कारण बहुत दुखी थे। उन्होंने घोर तपस्या की और शक्तिशाली देवता गोलू देवता की आराधना की। देवता ने उन्हें एक पुत्र का वरदान दिया, लेकिन साथ ही यह चेतावनी भी दी कि उस पुत्र का भाग्य एक भोटिया (शौका) समुदाय की कन्या से जुड़ा होगा...

  • राजकुमार मालूशाही का जन्म।

  • भोटिया व्यापारी सुनपति भोटिया के यहाँ राजुला का जन्म।

2. बचपन में सगाई और नियति का बंधन (Maalu Shahi Rajula Betrothal)

राजा दुर्गदेव ने भविष्यवाणी को याद करते हुए, बच्चों के बचपन में ही परिवारों को मिलाने की व्यवस्था की। एक पारंपरिक समारोह में, मालूशाही और राजुला की औपचारिक रूप से एक-दूसरे से सगाई कर दी गई।

3. अलगाव और राजुला की विपत्ति ( King Vikhipal)

जैसे ही राजुला युवा हुई, एक शक्तिशाली और क्रूर राजा विखीपाल उस पर मोहित हो गया। राजुला की इच्छा के विरुद्ध, विखीपाल ने बलपूर्वक उससे विवाह कर लिया। राजुला, अब विखीपाल के महल में, अपने प्रिय मालूशाही के लिए तड़प रही थी।

याद रखें: यह कुमाऊँ की वह कथा है जो हुड़किया (पारंपरिक गायक) अपनी धुनों पर आज भी गाते हैं।

4. मालूशाही का जागरण और योगी का वेश ( Malushahi Jogi Disguise)

राजुला ने अपनी पीड़ा का संदेश किसी तरह मालूशाही तक पहुँचाया। संदेश पाते ही मालूशाही का सोया हुआ प्रेम जाग उठा। उसने अपनी प्रेमिका को बचाने का संकल्प लिया और पहचान छुपाने के लिए जोगी (सन्यासी) का वेश धारण कर लंबी और ख़तरनाक यात्रा शुरू की।

5. विषपान और दिव्य हस्तक्षेप ( Golu Devta in Malushahi Story)

मालूशाही ने जोगी के वेश में महल में प्रवेश किया और राजुला से मिला। राजा विखीपाल को सच्चाई का पता चला और उसने धोखे से मालूशाही को ज़हर दे दिया।

मालूशाही लगभग मृत्यु को प्राप्त हो गया, लेकिन नियति और गोलू देवता के हस्तक्षेप से वह पुनर्जीवित हुआ। यह दर्शाता है कि सच्चा प्रेम देवताओं द्वारा संरक्षित है।

6. प्रेम की विजय और विरासत ( Kumaoni Love Story Ending)

पुनर्जीवित मालूशाही ने विखीपाल को पराजित किया और राजुला को मुक्त कराया।

मालूशाही और राजुला की गाथा आज भी कुमाऊँ की संस्कृति में जीवित है। यह वफादारी, दृढ़ संकल्प और अत्याचार पर प्रेम की जीत का प्रतीक है।


FAQ:

  • मालूशाही और राजुला कौन थे?

    • मालूशाही कत्यूरी राजकुमार थे, और राजुला शौका समुदाय की एक कन्या थी। वे कुमाऊँ की सबसे प्रसिद्ध प्रेम कहानी के पात्र हैं।

  • इस कहानी में कौन से देवता शामिल हैं?

    • इस गाथा में प्रमुख रूप से गोलू देवता का हस्तक्षेप है, जो न्याय और नियति को सुनिश्चित करते हैं।

  • हुड़किया कौन होते हैं?

    • हुड़किया कुमाऊँ के पारंपरिक गायक और चारण होते हैं जो पीढ़ी दर पीढ़ी इस तरह की लोक गाथाओं को गाकर जीवित रखते हैं।

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