एलटी शिक्षक और प्रवक्ता अब सीधे बन पाएंगे प्रिंसिपल.

उत्तराखंड: प्रदेश में एलटी शिक्षक और प्रवक्ता अब सीधे ही प्रधानाचार्य बन पाएंगे. राज्य के इंटरमीडिएट विद्यालयों में प्रधानाचार्यों की कमी को ध्यान में रखते हुए सरकार यह नई व्यवस्था बनाने जा रही है. स्क्रीनिंग टेस्ट के जरिये निर्धारित समय अवधि की सेवा पूरी कर चुके शिक्षकों का चयन किया जाएगा. इसके लिए 40 से 45 वर्ष की उम्र के शिक्षकों पर ध्यान दिया जाएगा. जिसके लिए सेवा नियमावली में भी बदलाव किया जाएगा. प्रदेश भर में इंटरमीडिएट विद्यालयों में प्रधानाचार्यों की भारी कमी है. प्रधानाचार्यों के पद पर पदोन्नति के माध्यम से ही तैनाती की जाती है.
प्रधानाध्यापक पद पर न्यूनतम पांच वर्ष तक कार्य करने वाले ही इस पद की डीपीसी में शामिल होने की अर्हता रखते हैं. लेकिन राज्य में इस तरह के प्रधानाध्यापकों की संख्या बेहद कम है. जिसके चलते करीब 1300 में से लगभग 500 विद्यालय बिना नियमित प्रधानाचार्य के संचालित हो रहे हैं. मौजूदा व्यवस्था में अधिकतर प्रधानाध्यापक 50-55 साल की उम्र के बाद ही प्रधानाचार्य बन पाते हैं. ऐसे में काम करने के लिए उनको बहुत ज्यादा समय नहीं मिलता. इन सभी तरह की दिक्कतों को ध्यान में रखते हुए सरकार ने सीधे एलटी शिक्षकों और प्रवक्ताओं को प्रधानाचार्य बनने का मौका देने का फैसला लिया है. इस दौरान स्क्रीनिंग टेस्ट के जरिये रिक्त पदों के सापेक्ष प्रधानाचार्यों का चयन होगा. आपको बता दें कि यह स्क्रीनिंग टेस्ट लोक सेवा आयोग के जरिए कराया जाएगा.

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