उत्तराखंड: जल्द ही राज्य सरकार बेनामी संपत्तियों को जब्त करने के लिए सख्त कानून लाने जा रही है. सरकार ने बेनामी संपत्ति कानून का की पूरी तैयारी कर ली है. रविवार को मुख्यमंत्री ने बालावाला में आयोजित एक कार्यक्रम में यह जानकारी दी. सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि बेनामी संपति को जब्त करने के लिए जल्द ही एक कठोर कानून बनाया जाएगा ताकि प्रदेश में कोई भी भ्रष्टाचारी पनप न सके. उन्होंने बताया कि जब्त की गई बेनामी संपत्ति का उपयोग स्कूल, अस्पताल आदि जनहित कार्यों में किया जाएगा.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई को धर्मयुद्ध की तरह लड़ना होगा. उनका कहना है कि हमारी सरकार अपनी संस्कृति को बढ़ाने वाली, विकास के लिए काम करने वाली एवं भ्रष्टाचार मुक्त हो, सरकार द्वारा इस दिशा में मजबूती से कार्य किए जा रहे हैं. बीजेपी सरकार ने भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कई तरह के कदम उठाए हैं. इसी के तहत जल्द ही बेनामी संपत्ति को जब्त करने का कानून लाया जा रहा है. मौजूदा प्रावधान को और अधिक सख्त व धारदार बनाने में यह कानून काफी कारगर साबित होगा.
क्या होती है बेनामी संपत्ति
दरअसल बेनामी संपत्ति जिसके नाम पर खरीदी गई होती है उसे बेनामदार कहा जाता है. कुछ लोग अपने काले धन का इसी तरह से निवेश करते हैं. बेनामी संपत्ति चल या अचल संपत्ति अथवा वित्तीय दस्तावेजों के रूप में भी हो सकती है. सामान्य तौर पर इस तरह की संपत्तियां बेनामदार के खुद के नाम पर न होकर किसी अन्य के नाम होती हैं.
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने यह भी कहा कि भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई को धर्मयुद्ध की तरह लड़ना होगा. उनका कहना है कि हमारी सरकार अपनी संस्कृति को बढ़ाने वाली, विकास के लिए काम करने वाली एवं भ्रष्टाचार मुक्त हो, सरकार द्वारा इस दिशा में मजबूती से कार्य किए जा रहे हैं. बीजेपी सरकार ने भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए कई तरह के कदम उठाए हैं. इसी के तहत जल्द ही बेनामी संपत्ति को जब्त करने का कानून लाया जा रहा है. मौजूदा प्रावधान को और अधिक सख्त व धारदार बनाने में यह कानून काफी कारगर साबित होगा.
क्या होती है बेनामी संपत्ति
दरअसल बेनामी संपत्ति जिसके नाम पर खरीदी गई होती है उसे बेनामदार कहा जाता है. कुछ लोग अपने काले धन का इसी तरह से निवेश करते हैं. बेनामी संपत्ति चल या अचल संपत्ति अथवा वित्तीय दस्तावेजों के रूप में भी हो सकती है. सामान्य तौर पर इस तरह की संपत्तियां बेनामदार के खुद के नाम पर न होकर किसी अन्य के नाम होती हैं.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
Please do not post any spam link in the comment box.