नैनीताल: हाईकोर्ट की खंडपीठ द्वारा पंचायत सीटों पर तय किए गए आरक्षण के खिलाफ दायर जनहित याचिका को खारिज कर दिया गया है. कोर्ट का कहना है कि यह मामला जनहित का नहीं है. खंडपीठ ने कहा कि प्रभावित उम्मीदवार द्वारा इस मामले में व्यक्तिगत तौर पर याचिका दायर की जा सकती है. हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन एवं न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई.
मामले के अनुसार ऊधमसिंह नगर निवासी अरुण कुमार शुक्ला ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करते हुए कहा था कि निदेशक पंचायती राज ने चुनाव अधिसूचना जारी हो जाने के बाद आरक्षण में फेरबदल किया है. उनके द्वारा इसमें कहा गया कि 16 सितंबर को किया गया फेरबदल नियमानुसार गलत है. चुनाव अधिसूचना जारी होने के बाद पंचायती राज निदेशक के स्तर से सीटों पर आरक्षण में फेरबदल नहीं किया जा सकता. पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने जनहित याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इससे प्रभावित व्यक्ति निजी स्तर पर याचिका दायर कर सकते हैं.
मामले के अनुसार ऊधमसिंह नगर निवासी अरुण कुमार शुक्ला ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करते हुए कहा था कि निदेशक पंचायती राज ने चुनाव अधिसूचना जारी हो जाने के बाद आरक्षण में फेरबदल किया है. उनके द्वारा इसमें कहा गया कि 16 सितंबर को किया गया फेरबदल नियमानुसार गलत है. चुनाव अधिसूचना जारी होने के बाद पंचायती राज निदेशक के स्तर से सीटों पर आरक्षण में फेरबदल नहीं किया जा सकता. पक्षों की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट की खंडपीठ ने जनहित याचिका को खारिज करते हुए कहा कि इससे प्रभावित व्यक्ति निजी स्तर पर याचिका दायर कर सकते हैं.
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