काशीपुर की रहने वाली मीनाक्षी ने वर्ष 2009 में अमरोहा (यूपी) निवासी अनिल ठाकुर से प्रेम विवाह किया था. अनिल महुआखेड़ागंज स्थित एक फैक्ट्री में काम किया करता था. विवाह के कई वर्ष बाद उनकी संतान नहीं हुई जिस वजह से दंपति में अनबन होने लगी. मीनाक्षी पति से अलग होकर पंजाबी सराय में किराए के मकान में रहने लगी. इसके बावजूद भी उसका पति अनिल उसके कमरे में आकर उसके साथ मारपीट करता था.
17 अगस्त 2016 की शाम सुल्तानपुर पट्टी स्थित बल्ब बनाने वाली फैक्ट्री से ड्यूटी कर मीनाक्षी वापस लौट रही थी, तभी एमपी चौक के पास बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा के सामने अनिल ने मीनाक्षी पर तेजाब से भरा डिब्बा फेंक दिया और वहां से फरार हो गया. पीड़िता को बचाने का प्रयास करते हुए कुंडा के ग्राम बगवाड़ा निवासी देवेंद्र और उसके चाचा कमलजीत भी तेजाब से झुलस गए थे. पीड़िता मीनाक्षी की तहरीर पर अनिल के खिलाफ धारा 307 और 326ए के तहत केस दर्ज कर लिया गया था. पीड़िता को एसटीएच हल्द्वानी रेफर किया गया, यहां 21 नवंबर 2016 को इलाज के दौरान मीनाक्षी की मौत हो गई. बुधवार को प्रथम एडीजे प्रीतु शर्मा ने तेजाब डालकर पत्नी की हत्या के मामले में अभियुक्त अनिल को धारा 302 में आजीवन कारावास और साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जबकि धारा 326ए में आजीवन कारावास और साथ ही 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. जुर्माने की राशि अदा न किए जाने पर आरोपी को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास और भोगना होगा. अदालत ने धारा 326ए के तहत लगाए गए 10 हजार के जुर्माने की राशि का 50-50 फीसदी पीड़िता को बचाने के प्रयास करने में झुलसे लोगों को देने के आदेश दिए हैं.
17 अगस्त 2016 की शाम सुल्तानपुर पट्टी स्थित बल्ब बनाने वाली फैक्ट्री से ड्यूटी कर मीनाक्षी वापस लौट रही थी, तभी एमपी चौक के पास बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखा के सामने अनिल ने मीनाक्षी पर तेजाब से भरा डिब्बा फेंक दिया और वहां से फरार हो गया. पीड़िता को बचाने का प्रयास करते हुए कुंडा के ग्राम बगवाड़ा निवासी देवेंद्र और उसके चाचा कमलजीत भी तेजाब से झुलस गए थे. पीड़िता मीनाक्षी की तहरीर पर अनिल के खिलाफ धारा 307 और 326ए के तहत केस दर्ज कर लिया गया था. पीड़िता को एसटीएच हल्द्वानी रेफर किया गया, यहां 21 नवंबर 2016 को इलाज के दौरान मीनाक्षी की मौत हो गई. बुधवार को प्रथम एडीजे प्रीतु शर्मा ने तेजाब डालकर पत्नी की हत्या के मामले में अभियुक्त अनिल को धारा 302 में आजीवन कारावास और साथ ही 20 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. जबकि धारा 326ए में आजीवन कारावास और साथ ही 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई गई है. जुर्माने की राशि अदा न किए जाने पर आरोपी को एक वर्ष का अतिरिक्त कारावास और भोगना होगा. अदालत ने धारा 326ए के तहत लगाए गए 10 हजार के जुर्माने की राशि का 50-50 फीसदी पीड़िता को बचाने के प्रयास करने में झुलसे लोगों को देने के आदेश दिए हैं.
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