बाघ ने फॉरेस्ट गार्ड पर हमला कर किया घायल. पांच घंटे बाद फिर वापस आकर घायल फॉरेस्ट गार्ड को मौत के घाट उतारा.
गश्त कर रहे एक फॉरेस्ट गार्ड पर बाघ ने हमला किया हमले के पांच घंटे बाद बाघ वापस आया और उसी फॉरेस्ट गार्ड को उठाकर ले गया. वहां मौजूद वनकर्मियों की आंखों के सामने ही कुछ ही पलों में पूरी घटना घट गई लेकिन वो कुछ नहीं कर पाए. घंटों चले सर्च ऑपरेशन के बाद उस फॉरेस्ट गार्ड का शव घने जंगल से क्षत-विक्षत हालत में मिला. यह भयानक घटना कालागढ़ टाइगर रिजर्व वन प्रभाग (केटीआर) की प्लेन रेंज में घटी. रविवार की शाम यमकेश्वर ब्लाक के कांडी गांव निवासी फॉरेस्ट गार्ड राजेश नेगी (46) पुत्र स्व.बलवंत सिंह अपने दो साथी वनकर्मियों के साथ जंगल में गश्त कर रहे थे.
गश्त के दौरान शाम 4 बजकर 35 मिनट पर सबसे पीछे चल रहे राजेश पर एक बाघ ने हमला बोल दिया. इस पर साथी वनकर्मी पूरण सिंह और कमल सिंह ने हवाई फायर की जिसके बाद बाघ वहां से भाग गया. लेकिन बाघ के हमले में राजेश बुरी तरह जख्मी हो गए. इस पर दोनों साथी राजेश को पीठ पर लादा और घंटों का रास्ता तय कर एक खुले और सुरक्षित स्थान पर पहुंचे और उसके बाद अधिकारियों को हादसे की सूचना दी. सूचना मिलने पर अधिकारियों ने जल्द ही मौके पर टीम भेजने और राजेश को अस्पताल भेजने की व्यवस्था करने की बात कहकर इंतजार करने के लिए कहा. इसी बीच रात साढ़े नौ बजे वहीं बाघ वहां पहुंच गया और दोनों वनकर्मियों की आंखों के सामने से जमीन पर लेटे राजेश को घसीटकर अपने साथ ले गया. अचानक कुछ ही पलों में घटी इस घटना से हरकत में आए दोनों वनकर्मियों ने हवाई फायर करते हुए बाघ का पीछा करने की कोशिश की लेकिन बाघ अंधेरे में घने जंगल में ओझल हो गया. इस घटना की सूचना मिलते ही विभाग में हड़कंप मच गया. मौके पर पहुंची वनकर्मियों की टीम ने राजेश की तलाश में सर्च अभियान शुरू किया. घंटों मशक्कत करने के बाद प्लेन रेंज की चौबेली बीट में झाड़ियों के अंदर राजेश का शव बरामद हुआ. बाघ राजेश के पैर खा गया. इसके अलावा राजेश के शरीर पर जगह-जगह गहरे जख्म थे. वन विभाग ने पोस्टमार्टम कराने के बाद राजेश का शव परिजनों का सौंप दिया. माना जा रहा है कि यह वही बाघ है जिसने बीती 15 जुलाई को इसी रेंज में एक फायर वाचर सोहन सिंह पर हमला किया और उसे मौत के घाट उतार दिया था. इस बाघ के आदमखोर होने की भी आशंका जताई जा रही है.
गश्त के दौरान शाम 4 बजकर 35 मिनट पर सबसे पीछे चल रहे राजेश पर एक बाघ ने हमला बोल दिया. इस पर साथी वनकर्मी पूरण सिंह और कमल सिंह ने हवाई फायर की जिसके बाद बाघ वहां से भाग गया. लेकिन बाघ के हमले में राजेश बुरी तरह जख्मी हो गए. इस पर दोनों साथी राजेश को पीठ पर लादा और घंटों का रास्ता तय कर एक खुले और सुरक्षित स्थान पर पहुंचे और उसके बाद अधिकारियों को हादसे की सूचना दी. सूचना मिलने पर अधिकारियों ने जल्द ही मौके पर टीम भेजने और राजेश को अस्पताल भेजने की व्यवस्था करने की बात कहकर इंतजार करने के लिए कहा. इसी बीच रात साढ़े नौ बजे वहीं बाघ वहां पहुंच गया और दोनों वनकर्मियों की आंखों के सामने से जमीन पर लेटे राजेश को घसीटकर अपने साथ ले गया. अचानक कुछ ही पलों में घटी इस घटना से हरकत में आए दोनों वनकर्मियों ने हवाई फायर करते हुए बाघ का पीछा करने की कोशिश की लेकिन बाघ अंधेरे में घने जंगल में ओझल हो गया. इस घटना की सूचना मिलते ही विभाग में हड़कंप मच गया. मौके पर पहुंची वनकर्मियों की टीम ने राजेश की तलाश में सर्च अभियान शुरू किया. घंटों मशक्कत करने के बाद प्लेन रेंज की चौबेली बीट में झाड़ियों के अंदर राजेश का शव बरामद हुआ. बाघ राजेश के पैर खा गया. इसके अलावा राजेश के शरीर पर जगह-जगह गहरे जख्म थे. वन विभाग ने पोस्टमार्टम कराने के बाद राजेश का शव परिजनों का सौंप दिया. माना जा रहा है कि यह वही बाघ है जिसने बीती 15 जुलाई को इसी रेंज में एक फायर वाचर सोहन सिंह पर हमला किया और उसे मौत के घाट उतार दिया था. इस बाघ के आदमखोर होने की भी आशंका जताई जा रही है.
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