नैनीताल के पार्वती प्रेमा जगाती स्कूल की ओर जाने वाले मार्ग पर मंगलवार को राज्यपाल की वीआईपी ड्यूटी में शामिल पुलिस की बोलेरो वीरभट्टी के पास अनियंत्रित होने से पलट गई और नीचे की सड़क पर एक नैनो कार पर जा गिरी. इस दुर्घटना में बोलेरो सवार काठगोदाम थानाध्यक्ष, महिला दरोगा और चालक सहित चार पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हो गए. घायल पुलिसकर्मियों को हल्द्वानी के निजी अस्पतालों में ले जाया गया. यहां चालक व सिपाही ने दम तोड़ दिया.
अन्य पुलिस कर्मियों ने बोलेरो का दरवाजा तोड़कर अन्दर फंसे लोगों को बाहर निकाला. बोलेरो चालक नंदन बिष्ट और ललित मोहन के सिर में कांच घुस गया था. थानाध्यक्ष नंदन सिंह रावत ने सीट बेल्ट लगाया हुआ था जिस वजह से वह बच गए. इस भयानक सड़क हादसे के शिकार काठगोदाम थाने के सिपाही ललित मोहन पुत्र मनीराम पिथौरागढ़ जिले के लीमाछौड़ा छडनदेव डीडीहाट निवासी थे. और थानाध्यक्ष का चालक नंदन सिंह बिष्ट पुत्र बिशन सिंह बिष्ट अल्मोड़ा जिले के मेजर मनोज विहार कॉलोनी खत्याड़ी का रहने वाले थे. दरअसल मंगलवार के दिन काठगोदाम थाने की बोलेरो में सवार थानाध्यक्ष नंदन सिंह रावत, लालकुआं थाने की महिला एसआई माया बिष्ट, पुलिसकर्मी ललित मोहन और चालक नंदन सिंह बिष्ट उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य की वीआईपी ड्यूटी पर थे.
पुलिसकर्मी बोलेरो में स्कूल से ज्योलीकोट की तरफ आ रहे थे तभी एक तीव्र मोड़ पर अचानक बोलेरो अनियंत्रित होकर लगभग 30 फुट नीचे सड़क पर जा गिरी. सूचना मिलते ही वीआईपी ड्यूटी में तैनात पुलिस अधिकारी और पुलिस कर्मी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने दुर्घटाग्रस्त वाहन में फंसे घायलों को किसी तरह बाहर निकाला और 108 एंबुलेंस की मदद से हल्द्वानी भेजा. सूचना मिलने पर डीएम सविन बंसल सहित एसएसपी सुनील कुमार मीणा, एसडीएम विनोद कुमार और सीओ विजय थापा मौके पर पहुंचे. हादसे में चारों घायलों को हल्द्वानी के दो निजी अस्पतालों में भर्ती कराया जहां चालक नंदन सिंह बिष्ट और सिपाही ललित मोहन जिंदगी की जंग हार गए. हादसे में घायल थानाध्यक्ष नंदन सिंह रावत का बृजलाल अस्पताल और महिला उपनिरीक्षक माया बिष्ट का कृष्णा अस्पताल में उपचार किया जा रहा है. डीआईजी जगत राम जोशी, एसएसपी सुनील कुमार मीणा, एसपी रचिता जुयाल और एसपी सिटी अमित कुमार श्रीवास्तव अस्पताल पहुंचे और घायलों के बारे में जानकारी ली. हादसे में मृत दोनों सिपाहियों के शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए.
अन्य पुलिस कर्मियों ने बोलेरो का दरवाजा तोड़कर अन्दर फंसे लोगों को बाहर निकाला. बोलेरो चालक नंदन बिष्ट और ललित मोहन के सिर में कांच घुस गया था. थानाध्यक्ष नंदन सिंह रावत ने सीट बेल्ट लगाया हुआ था जिस वजह से वह बच गए. इस भयानक सड़क हादसे के शिकार काठगोदाम थाने के सिपाही ललित मोहन पुत्र मनीराम पिथौरागढ़ जिले के लीमाछौड़ा छडनदेव डीडीहाट निवासी थे. और थानाध्यक्ष का चालक नंदन सिंह बिष्ट पुत्र बिशन सिंह बिष्ट अल्मोड़ा जिले के मेजर मनोज विहार कॉलोनी खत्याड़ी का रहने वाले थे. दरअसल मंगलवार के दिन काठगोदाम थाने की बोलेरो में सवार थानाध्यक्ष नंदन सिंह रावत, लालकुआं थाने की महिला एसआई माया बिष्ट, पुलिसकर्मी ललित मोहन और चालक नंदन सिंह बिष्ट उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य की वीआईपी ड्यूटी पर थे.
पुलिसकर्मी बोलेरो में स्कूल से ज्योलीकोट की तरफ आ रहे थे तभी एक तीव्र मोड़ पर अचानक बोलेरो अनियंत्रित होकर लगभग 30 फुट नीचे सड़क पर जा गिरी. सूचना मिलते ही वीआईपी ड्यूटी में तैनात पुलिस अधिकारी और पुलिस कर्मी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने दुर्घटाग्रस्त वाहन में फंसे घायलों को किसी तरह बाहर निकाला और 108 एंबुलेंस की मदद से हल्द्वानी भेजा. सूचना मिलने पर डीएम सविन बंसल सहित एसएसपी सुनील कुमार मीणा, एसडीएम विनोद कुमार और सीओ विजय थापा मौके पर पहुंचे. हादसे में चारों घायलों को हल्द्वानी के दो निजी अस्पतालों में भर्ती कराया जहां चालक नंदन सिंह बिष्ट और सिपाही ललित मोहन जिंदगी की जंग हार गए. हादसे में घायल थानाध्यक्ष नंदन सिंह रावत का बृजलाल अस्पताल और महिला उपनिरीक्षक माया बिष्ट का कृष्णा अस्पताल में उपचार किया जा रहा है. डीआईजी जगत राम जोशी, एसएसपी सुनील कुमार मीणा, एसपी रचिता जुयाल और एसपी सिटी अमित कुमार श्रीवास्तव अस्पताल पहुंचे और घायलों के बारे में जानकारी ली. हादसे में मृत दोनों सिपाहियों के शवों का पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिए गए.
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