गौलापार: इन दिनों हर तरफ जहां नवमी पर घर-घर में देवी मां की पूजा की जा रही है, वहीं गौलापार क्षेत्र के उदयपुर गांव में एक बेटे ने दरांती से वार कर अपनी ही मां का सिर धड़ से अलग कर उसकी हत्या कर दी. हत्या इतनी जघन्य थी कि उसकी मां का सिर धड़ से करीब तीन फीट दूर पड़ा था. नवमी के दिन दिल दहला देने वाली इस वारदात से हर कोई सहमा हुआ है. बताया जा रहा है कि हत्यारोपी मानसिक रूप से बीमार है. चोरगलिया पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से आरोपी बेटे को गिरफ्तार कर मां के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया.
उदयपुर गांव के क्यूरा फार्म निवासी 60 वर्षीय जैमती देवी पत्नी सोबन सिंह सुबह करीब साढ़े आठ बजे दरांती लेकर घास काटने के लिए जा रही थी. इस बीच महिला की बड़े बेटे डिगर सिंह कोरंगा (30) से किसी बात को लेकर कहासुनी होने लगी. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार डिगर ने अपनी मां के हाथ से धारदार दरांती छीनकर उनके सीने पर वार कर दिया. इतने से भी उसका दिल नहीं भरा तो उसने बाल पकड़कर मां का सिर धड़ से अलग कर डाला. पड़ोसी बसंती बिष्ट का बेटा तिमिल के पत्ते लेने जैमती देवी के घर पहुंचा तो वह इस दृश्य को देखकर दंग रह गया. उसने घर जा कर अपनी मां को इसकी जानकारी दी. बसंती के चिल्लाने पर अन्य पड़ोसी भी वहां जमा हो गए. दूसरी तरफ डिगर ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया था. पुलिस दरवाजा तोड़कर उसकी तलाश करने लगी तो वह कुल्हाड़ी लेकर उनकी ओर दौड़ पड़ा. पुलिस वालों ने करीब 150 मीटर दूर भागकर अपनी जान बचाई. हालांकि ग्रामीणों की मदद से बाद में उसे पकड़ लिया गया. मानसिक रूप से अस्वस्थ डिगर सिंह को पकड़ने के लिए पड़ोसी इंद्रजीत ने हिम्मत दिखाई. इंद्रजीत ने किसी तरह उसे काबू में कर लिया. लेकिन डिगर सिंह ने उस पर भी कुल्हाड़ी से वार कर दिया. गनीमत रही कि उस दौरान उसके बीच में तार आ गया, जिस वजह से कुल्हाड़ी छिटक गई. इसके बाद डिगर सिंह ने इंद्रजीत के हाथ में कई जगह दांत लगा दिए. इस बीच गिरने के कारण इंद्रजीत सिंह का हाथ फैक्चर हो गया. इस दौरान बलजीत सिंह और सिपाही जग्गा सिंह को भी मामूली चोटें आई हैं. डिगर सिंह के पिता सोबन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि उनका बेटा मानसिक रूप से बीमार है. उसका करीब चार साल से सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज चल रहा है. पांच दिन पहले ही उसने दवा खानी छोड़ दें थी. आरोपी बेटे के पिता सोबन सिंह कोरंगा ने बताया कि वारदात के समय मां-बेटा ही घर पर थे. उनका परिवार जानवर पालकर और मजदूरी करके अपना जीवन यापन करता है. उन्होंने बताया कि डिगर अपनी मां का बहुत लाडला था. मां उसकी बहुत देखरेख किया करती थी. ग्रामीणों के अनुसार डिगर हमेशा बड़बड़ाते रहता था और अचानक दौड़ने भी लगता था. मां किसी तरह पड़ोसियों के सहारे ही डिगर को काबू करती थी. इस हादसे की खबर से हर कोई सहमा हुआ है.
उदयपुर गांव के क्यूरा फार्म निवासी 60 वर्षीय जैमती देवी पत्नी सोबन सिंह सुबह करीब साढ़े आठ बजे दरांती लेकर घास काटने के लिए जा रही थी. इस बीच महिला की बड़े बेटे डिगर सिंह कोरंगा (30) से किसी बात को लेकर कहासुनी होने लगी. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार डिगर ने अपनी मां के हाथ से धारदार दरांती छीनकर उनके सीने पर वार कर दिया. इतने से भी उसका दिल नहीं भरा तो उसने बाल पकड़कर मां का सिर धड़ से अलग कर डाला. पड़ोसी बसंती बिष्ट का बेटा तिमिल के पत्ते लेने जैमती देवी के घर पहुंचा तो वह इस दृश्य को देखकर दंग रह गया. उसने घर जा कर अपनी मां को इसकी जानकारी दी. बसंती के चिल्लाने पर अन्य पड़ोसी भी वहां जमा हो गए. दूसरी तरफ डिगर ने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया था. पुलिस दरवाजा तोड़कर उसकी तलाश करने लगी तो वह कुल्हाड़ी लेकर उनकी ओर दौड़ पड़ा. पुलिस वालों ने करीब 150 मीटर दूर भागकर अपनी जान बचाई. हालांकि ग्रामीणों की मदद से बाद में उसे पकड़ लिया गया. मानसिक रूप से अस्वस्थ डिगर सिंह को पकड़ने के लिए पड़ोसी इंद्रजीत ने हिम्मत दिखाई. इंद्रजीत ने किसी तरह उसे काबू में कर लिया. लेकिन डिगर सिंह ने उस पर भी कुल्हाड़ी से वार कर दिया. गनीमत रही कि उस दौरान उसके बीच में तार आ गया, जिस वजह से कुल्हाड़ी छिटक गई. इसके बाद डिगर सिंह ने इंद्रजीत के हाथ में कई जगह दांत लगा दिए. इस बीच गिरने के कारण इंद्रजीत सिंह का हाथ फैक्चर हो गया. इस दौरान बलजीत सिंह और सिपाही जग्गा सिंह को भी मामूली चोटें आई हैं. डिगर सिंह के पिता सोबन सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि उनका बेटा मानसिक रूप से बीमार है. उसका करीब चार साल से सुशीला तिवारी अस्पताल में इलाज चल रहा है. पांच दिन पहले ही उसने दवा खानी छोड़ दें थी. आरोपी बेटे के पिता सोबन सिंह कोरंगा ने बताया कि वारदात के समय मां-बेटा ही घर पर थे. उनका परिवार जानवर पालकर और मजदूरी करके अपना जीवन यापन करता है. उन्होंने बताया कि डिगर अपनी मां का बहुत लाडला था. मां उसकी बहुत देखरेख किया करती थी. ग्रामीणों के अनुसार डिगर हमेशा बड़बड़ाते रहता था और अचानक दौड़ने भी लगता था. मां किसी तरह पड़ोसियों के सहारे ही डिगर को काबू करती थी. इस हादसे की खबर से हर कोई सहमा हुआ है.
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