आज RBI द्वारा लोगो को रियायतें दी गई।
रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर में कटौती की गई
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में लाकडाउन के चलते राहत का ऐलान किया उन्होंने कहा 'वृद्धि दर और मुद्रास्फीति की गति कोरोना वायरस के संक्रमण, अवधि तथा इसके असर पर निर्भर करेगी।' पर आइए पहले सरल भाषा में जानते है की क्या है ये रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर-
रेपो रेट
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को RBI कर्ज देता है. बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को ऋण देते हैं. रेपो रेट कम होने से मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे. जैसे कि होम लोन, व्हीकल लोन वगैरह.
रिवर्स रेपो रेट
यह रेपो रेट से उलट होता है. यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है. रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है. बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकमे उसके पास जमा करा दे.
सीआरआर
देश में लागू बैंकिंग नियमों के तहत हरेक बैंक को अपनी कुल नकदी का एक निश्चित हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखना होता है. इसे ही कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) या नकद आरक्षित अनुपात कहते हैं.

RBI की मुख्य घोषणाएं-
1.रेपो रेट 75 बेसिस प्वाइंट से घटा कर 4.4% किया गया है। जिससे लोगों को कर्ज सस्ता मिल सकता है।
2.रेव रेपो रेट 90 बेसिस पॉइंट से घटा कर 4% किया गया।
3.Q4 19-20 और FY 20-21 के लिए सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) की वृद्धि प्रभावित होगी।
4.सकल(एग्रीगेट)मांग कमजोर पड़ सकती है।
5.1.37 लाख करोड़ जारी करने के लिए 1 वर्ष के लिए सीआरआर 100 आधार अंकों से घटकर 3% हो गया है।
6.30/06/2020 तक के लिए न्यूनतम दैनिक सीआरआर संतुलन 90% से घटा कर 80% कर दिया गया है।
7.बाज़ार की तरलता को बढ़ाने के लिए 3.74 लाख करोड़ बाज़ार में निवेश किया गया।
8. 01.03.2020 को बकाया ऋण की किस्तों के भुगतान पर 3 महीने का आपातकालीन रोक का प्रस्ताव रखा गया।
9.डब्ल्यूसी सुविधाओं पर ब्याज 3 महीने के लिए टाल दिया जाए।
By: Bhavya Pandey
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RBI |
रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर में कटौती की गई
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में लाकडाउन के चलते राहत का ऐलान किया उन्होंने कहा 'वृद्धि दर और मुद्रास्फीति की गति कोरोना वायरस के संक्रमण, अवधि तथा इसके असर पर निर्भर करेगी।' पर आइए पहले सरल भाषा में जानते है की क्या है ये रेपो रेट, रिवर्स रेपो रेट और सीआरआर-
रेपो रेट
रेपो रेट वह दर होती है जिस पर बैंकों को RBI कर्ज देता है. बैंक इस कर्ज से ग्राहकों को ऋण देते हैं. रेपो रेट कम होने से मतलब है कि बैंक से मिलने वाले कई तरह के कर्ज सस्ते हो जाएंगे. जैसे कि होम लोन, व्हीकल लोन वगैरह.
रिवर्स रेपो रेट
यह रेपो रेट से उलट होता है. यह वह दर होती है जिस पर बैंकों को उनकी ओर से आरबीआई में जमा धन पर ब्याज मिलता है. रिवर्स रेपो रेट बाजारों में नकदी की तरलता को नियंत्रित करने में काम आती है. बाजार में जब भी बहुत ज्यादा नकदी दिखाई देती है, आरबीआई रिवर्स रेपो रेट बढ़ा देता है, ताकि बैंक ज्यादा ब्याज कमाने के लिए अपनी रकमे उसके पास जमा करा दे.
सीआरआर
देश में लागू बैंकिंग नियमों के तहत हरेक बैंक को अपनी कुल नकदी का एक निश्चित हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखना होता है. इसे ही कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) या नकद आरक्षित अनुपात कहते हैं.

RBI की मुख्य घोषणाएं-
1.रेपो रेट 75 बेसिस प्वाइंट से घटा कर 4.4% किया गया है। जिससे लोगों को कर्ज सस्ता मिल सकता है।
2.रेव रेपो रेट 90 बेसिस पॉइंट से घटा कर 4% किया गया।
3.Q4 19-20 और FY 20-21 के लिए सकल घरेलू उत्पाद(जीडीपी) की वृद्धि प्रभावित होगी।
4.सकल(एग्रीगेट)मांग कमजोर पड़ सकती है।
5.1.37 लाख करोड़ जारी करने के लिए 1 वर्ष के लिए सीआरआर 100 आधार अंकों से घटकर 3% हो गया है।
6.30/06/2020 तक के लिए न्यूनतम दैनिक सीआरआर संतुलन 90% से घटा कर 80% कर दिया गया है।
7.बाज़ार की तरलता को बढ़ाने के लिए 3.74 लाख करोड़ बाज़ार में निवेश किया गया।
8. 01.03.2020 को बकाया ऋण की किस्तों के भुगतान पर 3 महीने का आपातकालीन रोक का प्रस्ताव रखा गया।
9.डब्ल्यूसी सुविधाओं पर ब्याज 3 महीने के लिए टाल दिया जाए।
By: Bhavya Pandey
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