नैनीताल: सरोवर नगरी की झीलों में सालों बाद देखने को मिल रहा बदलाव. पढ़िए पूरी रिपोर्ट...
सरोवर नगरी नैनीताल की झीलों में कई साल बाद बदलाव देखने को मिला है. पिछले वर्षों के दौरान गर्मियों में नैनीताल और भीमताल समेत आसपास की अधिकतर झीलों का जलस्तर काफी कम हो जाता था, लेकिन इस साल बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि के कारण झीलों की सेहत में काफी सुधार दिखा है. बुधवार को नैनीताल में झील का जलस्तर छह फुट से अधिक दर्ज किया गया, जो पिछले पांच सालों के मुकाबले सबसे ज्यादा है. पिछले वर्षों तक गर्मी के मौसम के दौरान झील का जलस्तर घटने से झील में कई जगह डेल्टा नजर आने लगते थे. भीमताल की झील के मल्लीताल वाला छोर मैदान में तब्दील हो जाता था लेकिन इस बार ऐसा नहीं है. इस साल नैनीताल और भीमताल झील के साथ ही नौकुचियाताल-सातताल स्थित झीलों का जलस्तर भी बड़ा हुआ है. हालांकि, इन झीलों को निहारने वाले सैलानी कोरोना संक्रमण के खौफ के चलते यहां नहीं पहुंच रहे हैं. नैनीताल स्थित झील नियंत्रण कक्ष के प्रभारी रजत पांडे के अनुसार पिछले पांच सालों में जून में नैनीझील का जलस्तर सर्वाधिक साढ़े छह फुट रिकॉर्ड किया गया है. ब्रिटिश शासनकाल से यहां तल्लीताल स्थित झील में जलस्तर को मापने के लिए लेक लेबल गेज लगा हुआ है. झील नियंत्रण कक्ष के प्रभारी रजत पांडे ने बताया कि गेज में ऊंचाई की ओर फुट के निशान दर्ज हैं, इन्हीं निशानों के अनुसार ही झील का जलस्तर मापा जाता है. वहीं, पानी भी इतना साफ है कि गहराई तक भी मछलियों को देखा जा सकता है. गर्मियों के दिनों में मैदान में तब्दील हो जाने वाली भीमताल झील से अब तराई भाबर को सिंचाई के लिए पानी छोड़ा जाता है. जिसके कारण झील का जलस्तर सामान्य बना रहता है. सिंचाई विभाग के अधिकारी जरूरत पड़ने पर ही भीमताल के आसपास के गांवों को झील से सिंचाई के लिए पानी देते हैं. विभागीय अधिकारियों के अनुसार बुधवार को भीमताल झील का जल स्तर 39 फुट रिकॉर्ड किया गया है. जबकि झील की जल भंडारण क्षमता 45 फुट है.
0 टिप्पणियाँ
Please do not post any spam link in the comment box.