प्रसिद्ध भूवैज्ञानिक पद्मश्री प्रोफेसर खड़क सिंह वल्दिया का निधन, लंबे समय से थे बीमार. पढ़िए पूरी खबर...
प्रसिद्ध भूवैज्ञानिक पद्मश्री प्रोफेसर खड़क सिंह वल्दिया का निधन, लंबे समय से थे बीमार. पढ़िए पूरी खबर...
उत्तराखंड: अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त भूवैज्ञानिक पद्मश्री और पद्म भूषण खड़क सिंह वल्दिया निधन हो गया. लंबे समय से ही वे लंग कैंसर की बीमारी से पीड़ित थे. प्रोफेसर वल्दिया इन दिनों वे बेंगलुरु में थे. आपको बता दें कि प्रोफेसर वल्दिया उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में सीमांत जिले आठगांव शिलिंग के देवदार (खैनालगांव) के निवासी थे. उनके निधन की खबर से पूरे सीमांत क्षेत्र में शोक की लहर है. प्रोफेसर वल्दिया का निधन 83 वर्ष की आयु में हुआ है. बता दें कि भारत के प्रमुख भू वैज्ञानिकों में शामिल खड़ग सिंह वल्दिया का जन्म 20 मार्च 1937 को कलौं म्यांमार (वर्मा) में हुआ था. द्वितीय विश्व युद्ध के पश्चात उनके पिता देव सिंह वल्दिया अपने परिवार के साथ पिथौरागढ़ लौट आए थे. जिसके बाद वह शहर के घंटाकरण स्थित भवन में रहे. पिथौरागढ़ से इंटरमीडिएट की शिक्षा प्राप्त करने के बाद प्रोफेसर वल्दिया ने लखनऊ विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की और उसी में भू-विज्ञान विभाग में प्रवक्ता पद पर तैनात हो गए. 1963 में उन्होंने डॉक्टरेट की डिग्री प्राप्त की. भू विज्ञान में उल्लेखनीय कार्य करने पर वह 1965 में अमेरिका के जॉन हापकिंस विश्वविद्यालय के फुटब्राइट फेलो चुने गए थे. 1979 में प्रोफेसर वल्दिया राजस्थान यूनिवर्सिटी उदयपुर में भू विज्ञान विभाग के रीडर बने. इसके बाद प्रोफेसर खड़क सिंह वल्दिया 1970 से 76 तक वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी में वरिष्ठ वैज्ञानिक अधिकारी के पद पर कार्यरत रहे. उन्हें उल्लेखनीय कार्य के लिए 1976 में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 1983 में वे प्रधानमंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे. भारत सरकार की ओर से 2007 में उन्हें पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित किया गया. प्रोफेसर खड़ग सिंह वल्दिया के निधन से पूरे सीमांत क्षेत्र में शोक की लहर है.
'धरोहर' पुस्तक के लेखक एवं राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त शिक्षक राजेश मोहन उप्रेती का कहना है कि प्रोफेसर वल्दिया इस सीमांत जिले की धरोहर के समान थे. उन्होंने प्रोफेसर वल्दिया के निधन को जिले की बड़ी क्षति बताया.
प्रोफेसर वल्दिया के निधन पर पिथौरागढ़ की विधायक चंद्रा पंत, धारचूला के विधायक हरीश धामी, विधायक विशन सिंह चुफाल, गंगोलीहाट विधायक मीना गंगोला, भाजपा जिलाध्यक्ष वीरेंद्र वल्दिया, पालिकाध्यक्ष राजेंद्र रावत, पूर्व छात्र संघ अध्यक्ष महेंद्र लुंठी और मुकेश पंत, कांग्रेस के पूर्व विधायक मयूख महर सहित तमाम लोगों ने गहरा दुख जतायाहै.
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