रामनगर में मौजूद है एक अंग्रेज अफसर की कब्र. जानिए कौन थे यह, हमारी इस खास रिपोर्ट में...
रामनगर: उद्यान विभाग परिसर में एक पुरानी कब्र हर किसी को आकर्षित करती है. लेकिन वर्षों से चिरनिद्रा में लीन उस शख्स के बारे में कम ही लोग जानने की कोशिश करते हैं. उम्दा ढंग से बनी इस कब्र के नजदीक जाकर पता चलता है कि यह कब्र एक अंग्रेज अफसर की है. जिनकी मृत्यु रामनगर के सीताबनी क्षेत्र में 1915 में हुई थी. हालांकि इनके वंशजों की जानकारी आज तक किसी को नहीं है.
आपको बता दें कि यह कब्र इयोन डगलस फिट्ज गेरोल्ड कैम्पबेल नाम के अंग्रेज अफसर की है. जिनकी मृत्यु करीब 106 साल पहले 6 दिसंबर 1915 को सीतावनी के आसपास के क्षेत्र में हुई थी. ये अंग्रेज अफसर 1901 से लेकर 1915 तक तराई और भाबर एस्टेट के सुपरिटेंडेंट (अधीक्षक) रहे थे. कब्र में अंग्रेजी में उनका परिचय लिखा हुआ है. इस ब्रिटिश अफसर की स्थानीय प्रशासन में क्या भूमिका रही होगी, यह शोध का विषय है. यह भी कि उनके किसी उत्तराधिकारी ने उनको अब तक याद क्यों नहीं किया गया. यह अकेली कब्र इसलिए है कि उस दौर में यहां ईसाई लोगों का कोई कब्रिस्तान नहीं रहा होगा.
इतिहासकार प्रो. अजय रावत का कहना है कि तत्कालीन समय में तराई और भाबर एस्टेट के अधीन भाबर क्षेत्र में खाम भूमि का प्रबंधन होता था. इसका अधिकारी खाम सुपरिटेंडेंट होता था. खाम भूमि का अर्थ सरकारी जमीन से होता था. इयोन डगलस उसी समय खाम सुपरिटेंडेंट रहे होंगे.
यह पद आजादी के बाद 1951-52 तक जारी रहा और आखिरी खाम सुपरिटेंडेंट भवान सिंह रहे. 1850 में उत्तर पश्चिमी प्रांत के ले. गवर्नर जेम्स थोमासन द्वारा हेनरी रैम्जे को भाबर और चिलकिया एस्टेट में भूमि कर वसूलने की जिम्मेदारी दी गई थी, रैमजे ने यहां नगरीकरण को बढ़ावा दिया, जिसके बाद रामनगर जैसे नगरों ने आकार लिया.
यह पद आजादी के बाद 1951-52 तक जारी रहा और आखिरी खाम सुपरिटेंडेंट भवान सिंह रहे. 1850 में उत्तर पश्चिमी प्रांत के ले. गवर्नर जेम्स थोमासन द्वारा हेनरी रैम्जे को भाबर और चिलकिया एस्टेट में भूमि कर वसूलने की जिम्मेदारी दी गई थी, रैमजे ने यहां नगरीकरण को बढ़ावा दिया, जिसके बाद रामनगर जैसे नगरों ने आकार लिया.
समाजसेवी गणेश रावत ने जानकारी देते हुए बताया कि फिबिस ट्विटर पर एक समुदाय है, जो भारतीय उपमहाद्वीप में रह चुके अपने पूर्वजों की खोज में बनाई गई है. 'फैमिली इन ब्रिटिश इंडिया सोसायटी' नाम के इस समुदाय के जरिये नई पीढ़ी के कई ब्रितानी लोग अपने पुरखों और उनसे जुड़ी यादों को खोज चुके हैं. ट्विटर से जुड़े इस समुदाय ने रामनगर में स्थित इस कब्र से जुड़े तथ्यों को स्वीकार कर लिया है. परंतु अब तक इसका कोई उत्तराधिकारी सामने नहीं आया है.
उद्यान विभाग द्वारा अंग्रेज अफसर इयोन डगलस फिट्ज गेरोल्ड कैम्पबेल की कब्र की देखरेख की जाती है. प्रभारी उद्यान विभाग अर्जुन सिंह परवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि समय-समय पर कब्र की साफ सफाई, चुने से पुताई कराई जाती है. कब्र पर समय-समय में भेंट व प्रसाद भी चढ़ाया जाता है.
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