उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को लोकपाल नियुक्त किया है. आपको बता दें कि पिनाकी चंद्र घोष देश के पहले लोकपाल नियुक्त हुए हैं. 2017 में सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष वर्तमान में एनएचआरसी (राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग) के सदस्य हैं. बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा घोष की नियुक्ति किए जाने के बाद विवाद भी हो सकता है.
क्योंकि शुक्रवार को कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने चयन समिति की बैठक का बहिष्कार किया था. आपको बता दें कि इस अधिनियम को 16 जनवरी 2014 के अधिसूचित किए जाने के लगभग 5 साल बाद पूर्व न्यायाधीश घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार लोकपाल अध्यक्ष और सदस्यों का 5 वर्ष या 70 वर्ष की आयु होने तक ही कार्यकाल रहेगा. लोकपाल पद के वेतन भत्ते उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के वेतन भत्ते के बराबर ही होते हैं. जबकि अन्य सदस्यों का वेतन उच्चतम न्यायालय के अन्य जज के बराबर होता है.
क्योंकि शुक्रवार को कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने चयन समिति की बैठक का बहिष्कार किया था. आपको बता दें कि इस अधिनियम को 16 जनवरी 2014 के अधिसूचित किए जाने के लगभग 5 साल बाद पूर्व न्यायाधीश घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया जा रहा है. जानकारी के अनुसार लोकपाल अध्यक्ष और सदस्यों का 5 वर्ष या 70 वर्ष की आयु होने तक ही कार्यकाल रहेगा. लोकपाल पद के वेतन भत्ते उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के वेतन भत्ते के बराबर ही होते हैं. जबकि अन्य सदस्यों का वेतन उच्चतम न्यायालय के अन्य जज के बराबर होता है.
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
Please do not post any spam link in the comment box.