सेना भर्ती की झूठी सूचना पर देश भर से बड़ी संख्या में पिथौरागढ़ पहुंचे युवा. खाना मिलना भी हुआ मुश्किल.

उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों सहित उड़ीसा से बड़ी संख्या में युवा सेना भर्ती की झूठी सूचना पर उत्तराखंड के पिथौरागढ़ पहुंच गए. यहां पहुंचने पर जैसे उन्हें पता चला कि सेना में कोई भर्ती ही नहीं है तो सैकड़ों किलोमीटर सफर कर यहां तक पहुंचे युवा निराश हो गए. जिसके बाद प्रशासन ने इन युवाओं को वापस भेजने के लिए बसों की व्यवस्था की. मंगलवार की देर शाम दो सौ युवकों को पांच बसों से लगभग यहां से टनकपुर भेजा गया. झूठी सूचना का शिकार हुए कई युवक 25 नवंबर के दिन ही यहां पहुंच गए थे.
25 नवंबर को उप चुनाव होने की वजह इन युवाओं को दिन में भोजन तक नहीं मिल पाया. मंगलवार की सुबह यह युवक बसों से अपने घरों को चले गए. दरअसल साल 2018 नवंबर माह में पिथौरागढ़ में सेना की भर्ती हुई थी. इसमें अलग-अलग राज्यों हेतु अलग-अलग तिथियां घोषित की गई थीं. उत्तराखंड के युवाओं की भर्ती 26 नवंबर को हुई थी. 27 नवंबर के दिन यूपी के युवाओं की भर्ती थी, जबकि 28 नवंबर को झारखंड, बिहार और उड़ीसा राज्य के युवाओं की भर्ती रैली हुई थी. किसी ने इस बार एक साल पुराने समाचार की कटिंग फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया से इन युवाओं को भेज दी. इंटरनेट में सेना भर्ती एवं अन्य तरह की ताजा सूचना के साथ ही पुराने समाचार पत्रों की कटिंग भी मौजूद रहती हैं. इस समाचार अपडेट की तारीख देखे बिना ही सहारनपुर, मुरादाबाद, शामली आदि स्थानों से बड़ी संख्या में युवा भर्ती रैली में शामिल होने के लिए पिथौरागढ़ चले आए.
यहां पहुंचने पर युवाओं को सेना में किसी तरह की भर्ती नहीं होने की जानकारी मिली. जिसके बाद सभी युवा परेशान हो गए. पिथौरागढ़ पहुंचे युवाओं ने बताया कि सोशल मीडिया फेसबुक और व्हाट्सएप पर समाचार पत्र की कटिंग मिलने से उन्हें पिथौरागढ़ में टेरिटोरियल आर्मी की भर्ती होने की जानकारी मिली थी. इसमें कटिंग में 27 नवंबर को उत्तर प्रदेश के युवाओं की भर्ती होने की बात लिखी थी. सहारनपुर से आए वरुण रोहिला, अजय कुमार, दीपक कुमार शर्मा, ऋतिक तोमर, अनुज कुमार, अंकुश कुमार, मुरादाबाद से आए प्रदीप कुमार, विनीत शर्मा, गोपाल कुमार, अंकित कुमार, ग्रंथ चौहान, अमित साह सहित अन्य युवाओं ने कहा कि वह इस घटना से काफी निराश हैं. इधर पुलिस प्रशासन ने इन युवाओं के लिए शाम को ही बसों की व्यवस्था की और अधिकांश युवाओं को टनकपुर और हल्द्वानी भेजने की व्यवस्था की. बाहरी राज्यों से बड़ी संख्या में युवाओं के पिथौरागढ़ पहुंचने की जानकारी मिलने पर जिलाधिकारी डा.विजय कुमार जोगदंडे ने अधिकारियों को इन युवाओं के ठहरने और भोजन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए. युवाओं ने जानकारी देते हुए बताया कि यूट्यूब में बनाए गए एक चैनल में भी पिथौरागढ़ में भर्ती होने की बात प्रसारित की जाती रही. पुराने समाचार पत्र की कटिंग और यूट्यूब में दिखाई गई भर्ती रैली कि फर्जी सूचना को युवकों ने सही मान लिया. जिसके बाद समाचार की बिना पड़ताल किए 300 से 500 किलोमीटर दूर भर्ती में शामिल होने के लिए पिथौरागढ़ पहुंच गए.

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