Agra/ लॉकडाउन का असर: पांच वर्ष में सबसे स्वच्छ हुई अप्रैल माह में ताजनगरी की हवा
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Taj Mahal |
कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए लागू लॉकडाउन का पर्यावरण पर सबसे अच्छा असर पड़ा है। ताजनगरी में यमुना नदी का प्रदूषण तो कम हुआ ही है, वायु प्रदूषण भी लगातार कम हो रहा है। मार्च के बाद अप्रैल में भी हवा की गुणवत्ता सुधरी है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की एयर क्वालिटी (वायु गुणवत्ता) रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल में हवा पिछले पांच वर्षों में सबसे अच्छी स्थिति में है। बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अप्रैल में प्रदूषण स्तर एक चौथाई रह गया।
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27 और 28 अप्रैल को आगरा का एयर क्वालिटी इंडेक्स (वायु गुणवत्ता सूचकांक) 62 और 66 पर रहा, जो पिछले पांच वर्षों में पहले कभी नहीं देखा गया। पिछले वर्ष 2019 में अप्रैल के महीने में इन्हीं दिनों में आगरा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 155 और 220 था जबकि उससे पहले 2018 में 175 और 144 रहा। इन पांच वर्षों में सबसे ज्यादा प्रदूषित हवा 2016 में रही, जब 27 और 28 अप्रैल को आगरा का एयर क्वालिटी इंडेक्स 500 से ज्यादा दर्ज किया गया। धूल कणों की मात्रा तब 500 माइक्रोग्राम प्रति क्यूबिक मीटर को भी पार कर गई थी।
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी भुवन प्रकाश यादव के मुताबिक वाहनों के न चलने के कारण हवा की गुणवत्ता बेहतर हुई है, वहीं इस बार अप्रैल के महीने में मौसम भी अनुकूल रहा है। वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण बारिश भी हुई है, जिससे धूलकण हवा में कम आए हैं।
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केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2016 में महज पांच दिन ही सांस लेने लायक स्वच्छ हवा मिली थी। तब अप्रैल के महीने में 10 दिन तक आगरा की हवा बेहद खतरनाक स्तर को पार कर गई थी और छह दिन यह बहुत खराब थी, जबकि 2017 में आठ दिन अच्छी हवा रही।
साल 2018 का अप्रैल भी बेहतर नहीं रहा। केवल चार दिन ही हवा अच्छी रही। साल 2019 में भी सिर्फ चार दिन ही हवा की गुणवत्ता बेहतर रही, जबकि साल 2020 में अब तक 18 दिन आगरा की एयर क्वालिटी बेहतर रही और 10 दिन में औसत स्तर पर रही।
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