UK board result 2020: चिंताजनक! इस बार राज्य में 8824 छात्र हिंदी विषय में हुए फेल. पढ़िए पूरी रिपोर्ट...
UK board result 2020: चिंताजनक! इस बार राज्य में 8824 छात्र हिंदी विषय में हुए फेल. पढ़िए पूरी रिपोर्ट...
आज के इस नए दौर में हिंदी विषय को लेकर छात्रों की रूचि कम होती जा रही है. छात्र-छात्राएं हिंदी विषय को पास होने भर के लिए पढ़ रहे हैं. सब बात का अंदाजा प्रदेश की बोर्ड परीक्षाओं में हिंदी विषय की स्कोर से लगाया जा सकता है. आपको बता दें कि इस साल 8824 छात्र हिंदी में फेल हुए हैं. जहां हाईस्कूल में 4608 छात्र और 3320 छात्राएं, वहीं इंटरमीडिएट में 576 छात्र और 318 छात्राएं हिंदी विषय में फेल हुईं हैं. जानकारों का मानना है कि हिंदी विषय में छात्रों की रुचि कम हो गई हैं. अंग्रेजी, विज्ञान और गणित की तरह स्टूडेंट्स हिंदी विषय को गंभीरता से नहीं लेते. छात्र इसे सिर्फ पास होने तक सीमित रखते हैं. हिंदी विषय में पास होना भी अनिवार्य किया गया है.
संतोष तिवारी, हिंदी, प्रवक्ता राइका ढिकुली का कहना है कि यदि कोई छात्र हिंदी में पास नहीं होता है, और अन्य विषय में उत्तीर्ण हो जाता है तो उसे फेल ही घोषित किया जाता है. छात्र हिंदी विषय को कम आंककर चलते हैं. इसलिए उनके नंबर भी कम आते हैं. जबकि मेरिट हिंदी विषय से ही बनती है. साइंस के छात्रों को समय कम मिलता है. इसलिए वे हिंदी की ओर कम ही ध्यान दे पाते हैं.
डा. गिरीश चंद पंत, एसोसिएट प्रोफेसर हिंदी, पीएनजीपीजी कालेज रामनगर का कहना है कि- हर जिले और गांव में अंग्रेजी माध्यम के विद्यालय खुल गए है, जहां हिंदी बोलने पर भी बच्चों को दंड दिया जाता है. बच्चों का सारा ध्यान अंग्रेजी व विज्ञान के विषयों पर केंद्रित होता है. मातृ भाषा व मातृ बोली बोलने पर दंड प्रावधान किया गया है. ऐसे में हिंदी विषय का विकास बाधित हो रहा है. और हिंदी में छात्रों की रुचि कम होती जा रही है. यदि त्रिभाषी फॉर्मूला लागू होता तो आज हिंदी की स्थिति दयनीय नहीं होती. छात्र राज्य भाषा, हिंदी तथा भाषाओं को सीखने की स्थिति में रहता.
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