प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कॉर्बेट नेशनल पार्क में पहुंचने वाले दूसरे प्रधानमंत्री बन गए हैं. कॉर्बेट नेशनल पार्क पर्यटकों की पहली पसंद है हर साल यहां ढाई लाख से ज्यादा सैलानी यहां पहुंचते हैं. सैलानियों के साथ ही राज्यपाल, मुख्यमंत्री, कई बड़े अफसर और कई पूर्व मंत्री भी यहां आते रहते हैं. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऐसे दूसरे प्रधानमंत्री हैं जो कार्बेट नेशनल पार्क में पहुंचे. आपको बता दें कि मोदी जी से पहले राजीव गांधी कॉर्बेट नेशनल पार्क में आ चुके हैं.
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई अपने नैनीताल दौरे के दौरान कॉर्बेट पार्क आने वाले थे लेकिन किसी कारण उनका दौरा रद्द हो गया था. जानकारी के अनुसार तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी कॉर्बेट पार्क में आ चुके हैं. आपको बता दें कि 1998 में तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमन भी कार्बेट पार्क आए थे. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी राज्य गठन के बाद 9 नवंबर 2000 में राज्य गठन होने के बाद 2003 में नैनीताल पहुंचे थे यहां से उनको कॉर्बेट पार्क का दौरा करना था लेकिन वह यहां नहीं पहुंच सके.
ढिकाला रेंज से ही कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क बनाने की घोषणा हुई थी
बहुत कम लोग यह बात जानते हैं कि ढिकाला जोन से ही जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व पार्क का दर्जा देने की घोषणा हुई थी. 1972 में तत्कालीन वन मंत्री डॉ कर्ण सिंह ने ढिकाला रेंज का दौरा किया था अपने इस दौरे के बाद ही उन्होंने यह घोषणा कि थी. यहीं से जिम कॉर्बेट पार्क को नेशनल पार्क बनाने की घोषणा भी हुई थी.
राजनीतिक बंदी हुआ करते थे पार्क में नजरबंद
बहुत कम लोग यह बात जानते हैं कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में राजनीतिक कैदियों को नजरबंद किया जाता था. 80-90 के दशक में कई राजनीतिक बंदी यहां रहे थे. आपको बता दें कि 1990 में पंजाब में राजनीतिक संकट होने के दौरान प्रकाश सिंह बादल और सुरजीत सिंह बरनाला को भी लगभग 1 महीने तक जहां नजरबंद रखा गया था एक महीने बाद इन दोनों नेताओं को रिहा कर दिया गया. 9 नवंबर 2000 में राज्य गठन के साथ ही सुरजीत सिंह बरनाला उत्तराखंड के प्रथम राज्यपाल बने.
इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेई अपने नैनीताल दौरे के दौरान कॉर्बेट पार्क आने वाले थे लेकिन किसी कारण उनका दौरा रद्द हो गया था. जानकारी के अनुसार तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी कॉर्बेट पार्क में आ चुके हैं. आपको बता दें कि 1998 में तत्कालीन राष्ट्रपति आर वेंकटरमन भी कार्बेट पार्क आए थे. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी राज्य गठन के बाद 9 नवंबर 2000 में राज्य गठन होने के बाद 2003 में नैनीताल पहुंचे थे यहां से उनको कॉर्बेट पार्क का दौरा करना था लेकिन वह यहां नहीं पहुंच सके.
ढिकाला रेंज से ही कॉर्बेट टाइगर रिजर्व पार्क बनाने की घोषणा हुई थी
बहुत कम लोग यह बात जानते हैं कि ढिकाला जोन से ही जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व पार्क का दर्जा देने की घोषणा हुई थी. 1972 में तत्कालीन वन मंत्री डॉ कर्ण सिंह ने ढिकाला रेंज का दौरा किया था अपने इस दौरे के बाद ही उन्होंने यह घोषणा कि थी. यहीं से जिम कॉर्बेट पार्क को नेशनल पार्क बनाने की घोषणा भी हुई थी.
राजनीतिक बंदी हुआ करते थे पार्क में नजरबंद
बहुत कम लोग यह बात जानते हैं कि कॉर्बेट नेशनल पार्क में राजनीतिक कैदियों को नजरबंद किया जाता था. 80-90 के दशक में कई राजनीतिक बंदी यहां रहे थे. आपको बता दें कि 1990 में पंजाब में राजनीतिक संकट होने के दौरान प्रकाश सिंह बादल और सुरजीत सिंह बरनाला को भी लगभग 1 महीने तक जहां नजरबंद रखा गया था एक महीने बाद इन दोनों नेताओं को रिहा कर दिया गया. 9 नवंबर 2000 में राज्य गठन के साथ ही सुरजीत सिंह बरनाला उत्तराखंड के प्रथम राज्यपाल बने.
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