राजधानी देहरादून में 4 दिन पहले ही स्मैक बरामदगी के मामले में जेल गए फिरोज खान की जेल में ही अचानक तबियत बिगड़ गई जिसके बाद उसे दून अस्पताल में भर्ती कराया गया था वहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. युवक की मौत के बाद गुस्साए लोगों ने विकास नगर पुलिस पर पुलिस हिरासत में मारपीट करने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया. इसके बाद सीओ ने मामले की जांच कराकर कार्रवाई करने का आश्वासन दिया उसके बाद लोग शांत हुए. 10 मार्च को विकासनगर पुलिस ने ढकरानी पावर हाउस के पास फिरोज खान को गिरफ्तार किया गया था. उस पर एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमा भी दर्ज किया गया.
अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया था. बुधवार की रात फिरोज खान की अचानक तबियत बिगड़ गई. जेल प्रशासन द्वारा उसे दून अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया था. गुरुवार की सुबह फिरोज के परिजनों और ग्रामीणों को इस बात की जानकारी मिलते ही वह सब ढकरानी पुल पर एकत्र होकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर आक्रोश जताने लगे. परिजनों का आरोप है कि विकासनगर कोतवाली में फिरोज के साथ मारपीट की गई जिसके कारण उसकी मौत हुई. मृतक की मां सहानू का कहना है कि 9 मार्च की रात पुलिस उनके बेटे को घर से उठाकर ले गई थी.
मृतक के मामा मोहम्मद गुफरान मलिक का कहना है कि घर से ही पुलिस कर्मी उसे मारते हुए ले गए थे. हालांकि जेल जेल प्रशासन ने फिरोज के साथ किसी भी प्रकार की मारपीट से साफ इंकार किया है. परिजनों और ग्रामीणों ने फिरोज को झूठे मामले में फंसाने का आरोप लगाया है. उन्होंने मांग की है कि फिरोज के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाए. मौके पर पहुंचे पुलिस क्षेत्राधिकारी ने इन लोगों को समझा कर कार्रवाई का आश्वासन दिया और शांत कराया.
अदालत ने उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में रखने का आदेश दिया था. बुधवार की रात फिरोज खान की अचानक तबियत बिगड़ गई. जेल प्रशासन द्वारा उसे दून अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उसने दम तोड़ दिया था. गुरुवार की सुबह फिरोज के परिजनों और ग्रामीणों को इस बात की जानकारी मिलते ही वह सब ढकरानी पुल पर एकत्र होकर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी कर आक्रोश जताने लगे. परिजनों का आरोप है कि विकासनगर कोतवाली में फिरोज के साथ मारपीट की गई जिसके कारण उसकी मौत हुई. मृतक की मां सहानू का कहना है कि 9 मार्च की रात पुलिस उनके बेटे को घर से उठाकर ले गई थी.
मृतक के मामा मोहम्मद गुफरान मलिक का कहना है कि घर से ही पुलिस कर्मी उसे मारते हुए ले गए थे. हालांकि जेल जेल प्रशासन ने फिरोज के साथ किसी भी प्रकार की मारपीट से साफ इंकार किया है. परिजनों और ग्रामीणों ने फिरोज को झूठे मामले में फंसाने का आरोप लगाया है. उन्होंने मांग की है कि फिरोज के साथ मारपीट करने वाले पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाए. मौके पर पहुंचे पुलिस क्षेत्राधिकारी ने इन लोगों को समझा कर कार्रवाई का आश्वासन दिया और शांत कराया.
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