शनिवार रात को रामनगर-कालाढूंगी मोटर मार्ग पर बैलपड़ाव के पास एक कार अनियंत्रित हो कर पेड़ से टकरा गई. इस हादसे में रानीखेत के रहने वाले एक सिविल इंजीनियर की मौत हो गई, जबकि उसका साथी ठेकेदार बुरी तरह से घायल हो गया. कार चला रहे ठेकेदार को हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में भर्ती कराया गया, बाद में उसे भोटिया पड़ाव स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है. पुलिस घटना की जांच करने में जुट गई है. बैलपड़ाव पुलिस चौकी प्रभारी सुशील जोशी ने जानकारी देते हुए बताया कि कार (यूपी 21 डब्लू 2014) रामनगर से कालाढूंगी की तरफ जा रही थी. अचानक बैलपड़ाव करकट नाले के पास अनियंत्रित होकर कार पेड़ से टकरा गई. इस कार हादसे में कार में सवार दीपक सिंह मेहरा(27) पुत्र मोहन सिंह निवासी नंदा देवी मार्ग, चौधरी गार्डन रानीखेत (अल्मोड़ा) और कटरा (जम्मू कश्मीर) निवासी ठेकेदार दलजीत सिंह पुत्र पृथ्वी सिंह गंभीर रूप से घायल हो गए. दोनों घायलों को 108 एंबुलेंस की मदद से सुशीला तिवारी अस्पताल (हल्द्वानी) पहुंचाया गया. यहां डॉक्टरों ने दीपक मेहरा को मृत घोषित कर दिया.
बताया जा रहा है कि दीपक कोटद्वार की केपीसीएल कंपनी में बतौर सिविल इंजीनियर कार्यरत था. दलजीत भी वहीं ठेकेदार है. मृतक दीपक के पिता मोहन सिंह ने कार चला रहे दलजीत सिंह पर लापरवाही से वाहन चलाने का आरोप लगाते कालाढूंगी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. पहाड़ जाने से पहले दीपक की कार को पुलिस ने बैरियर पर रोक लिया था, लेकिन सिफारिश करने पर पुलिस ने कार को छोड़ दिया था. इसके बाद दीपक ने अपनी मां को फोन कर बताया कि सुबह तक वह घर पहुंच जाएगा. परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि दीपक दो भाइयों में बड़ा भाई था. दीपक प्रत्येक बात अपनी मां को बताता था. रात में भी उसने अपनी मां को रास्ते में होने की बात कहते हुए सुबह घर आने का वादा किया था. इन लोगों ने कार सीधे रानीखेत के रास्ते पर ले जाने के बजाय कालाढूंगी की तरफ कार क्यों मोड़ दी यह सवाल अभी अनसुलझा है. पुलिस द्वारा भी घायल ठेकेदार का बयान नहीं लिया गया है. बेटे के मौत की सूचना मिलने पर लाडले का चेहरा देखने के लिए मोर्चरी पहुंची मां अपने बेटे को देखते ही बेहोश हो गई. परिजनों ने काफी मुश्किल से मां को संभाला.
बताया जा रहा है कि दीपक कोटद्वार की केपीसीएल कंपनी में बतौर सिविल इंजीनियर कार्यरत था. दलजीत भी वहीं ठेकेदार है. मृतक दीपक के पिता मोहन सिंह ने कार चला रहे दलजीत सिंह पर लापरवाही से वाहन चलाने का आरोप लगाते कालाढूंगी थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. पहाड़ जाने से पहले दीपक की कार को पुलिस ने बैरियर पर रोक लिया था, लेकिन सिफारिश करने पर पुलिस ने कार को छोड़ दिया था. इसके बाद दीपक ने अपनी मां को फोन कर बताया कि सुबह तक वह घर पहुंच जाएगा. परिजनों ने जानकारी देते हुए बताया कि दीपक दो भाइयों में बड़ा भाई था. दीपक प्रत्येक बात अपनी मां को बताता था. रात में भी उसने अपनी मां को रास्ते में होने की बात कहते हुए सुबह घर आने का वादा किया था. इन लोगों ने कार सीधे रानीखेत के रास्ते पर ले जाने के बजाय कालाढूंगी की तरफ कार क्यों मोड़ दी यह सवाल अभी अनसुलझा है. पुलिस द्वारा भी घायल ठेकेदार का बयान नहीं लिया गया है. बेटे के मौत की सूचना मिलने पर लाडले का चेहरा देखने के लिए मोर्चरी पहुंची मां अपने बेटे को देखते ही बेहोश हो गई. परिजनों ने काफी मुश्किल से मां को संभाला.
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