कालाढूंगी थाने से फरार स्मैक तस्कर पुलिस की गिरफ्त में. तस्कर ने जंगलों में रहकर बिताया था समय. पढ़िए पूरी रिपोर्ट
कालाढूंगी कोतवाली से पेट दर्द का बहाना बनाकर हवालात से भागने वाला स्मैक तस्कर छह दिन बाद पुलिस की गिरफ्त में आ गया है. तस्कर रुद्रपुर में एक साथी से मिलने पहुंचा था. जिसको पुलिस ने घेराबंदी कर दबोच लिया. उसे कालाढूंगी थाने में कड़ी सुरक्षा के बीच रखा गया है. एसएसपी द्वारा तस्कर पर मंगलवार को एक हजार रुपये का इनाम भी घोषित किया गया था. कोटाबाग के बजूनिया हल्दू निवासी मनोज उर्फ मन्नू को आठ अगस्त की रात कालाढूंगी थाना पुलिस ने साढ़े तीन ग्राम स्मैक के साथ गिरफ्तार किया था. अचानक देर रात पेट दर्द की शिकायत करने पर थाने के मुंशी ने उसे हवालात से निकालकर कार्यालय में बैठा लिया था. मौका देख वह नौ अगस्त की सुबह करीब साढ़े छह बजे वहां से फरार हो गया था. तस्कर को पकडऩे के लिए कालाढूंगी, काठगोदाम, मुखानी थाने की पुलिस व एसओजी भी तलाश करने में जुट गई. मन्नू के रिश्तेदारों के साथ ही उसके तमाम दोस्त व कई नशेड़ी दिनरात पुलिस की राडार पर रहे.
एसएसपी सुनील कुमार मीणा ने मंगलवार को मन्नू की जानकारी देने वाले को एक हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा भी कर दी थी. पूछताछ में मन्नू ने बताया कि थाने से फरार होने के बाद वह जंगलों से होता हुआ धापला के जंगल में पहुंचा. उसने जंगलों में ही कई दिन बिताए. रात को मन्नू जंगल में बने एक बाबा के आश्रम में पहुंचा. आश्रम में कोई नहीं था और बाबा व अनुयायी कोई भी नहीं थे. उसने वहां रखे कपड़े बदले और आश्रम में रखे राशन से खाना बनाकर खाया. इसी तरह जंगल में छिपकर वह छह दिन तक समय बिताता रहा. उसने अनुमान लगाया कि पुलिस की तलाश अब शांत हो गई होगी. यही सोच कर उसने रुद्रपुर में रहने वाले अपने दोस्त से संपर्क किया और उससे मिलने चला गया.
कालाढूंगी थानाध्यक्ष दिनेश नाथ महंत ने जानकारी देते हुए बताया की उन्हें बुधवार को मन्नू के रुद्रपुर में रहने वाले एक दोस्त से संपर्क करने की सूचना मिली. इस पर पुलिस अलर्ट हो गई और पुलिस ने रुद्रपुर में जाकर डेरा डाल दिया. तस्कर के दोस्त के आस-पास रहकर पुलिस कड़ी निगरानी करने लगी. मन्नू दोपहर बाद अपने दोस्त से मिलने वहां पहुंच गया. उसके आते ही पुलिस टीम ने घेराबंदी की और उसे वहीं दबोच लिया. जिसके बाद उसे कड़ी सुरक्षा के बीच कालाढूंगी थाने लाया गया.
एसएसपी सुनील कुमार मीणा ने मंगलवार को मन्नू की जानकारी देने वाले को एक हजार रुपये का इनाम देने की घोषणा भी कर दी थी. पूछताछ में मन्नू ने बताया कि थाने से फरार होने के बाद वह जंगलों से होता हुआ धापला के जंगल में पहुंचा. उसने जंगलों में ही कई दिन बिताए. रात को मन्नू जंगल में बने एक बाबा के आश्रम में पहुंचा. आश्रम में कोई नहीं था और बाबा व अनुयायी कोई भी नहीं थे. उसने वहां रखे कपड़े बदले और आश्रम में रखे राशन से खाना बनाकर खाया. इसी तरह जंगल में छिपकर वह छह दिन तक समय बिताता रहा. उसने अनुमान लगाया कि पुलिस की तलाश अब शांत हो गई होगी. यही सोच कर उसने रुद्रपुर में रहने वाले अपने दोस्त से संपर्क किया और उससे मिलने चला गया.
कालाढूंगी थानाध्यक्ष दिनेश नाथ महंत ने जानकारी देते हुए बताया की उन्हें बुधवार को मन्नू के रुद्रपुर में रहने वाले एक दोस्त से संपर्क करने की सूचना मिली. इस पर पुलिस अलर्ट हो गई और पुलिस ने रुद्रपुर में जाकर डेरा डाल दिया. तस्कर के दोस्त के आस-पास रहकर पुलिस कड़ी निगरानी करने लगी. मन्नू दोपहर बाद अपने दोस्त से मिलने वहां पहुंच गया. उसके आते ही पुलिस टीम ने घेराबंदी की और उसे वहीं दबोच लिया. जिसके बाद उसे कड़ी सुरक्षा के बीच कालाढूंगी थाने लाया गया.
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