पहली बार पाकिस्तान के इतिहास में किसी पूर्व राष्ट्रपति को अदालत ने फांसी की सजा सुनाई गई है. मंगलवार को इस्लामाबाद की विशेष अदालत ने पूर्व तानाशाह परवेज मुशर्रफ को राजद्रोह के मामले में फांसी की सजा सुनाई है. आपको बता दें कि यह सजा मुशर्रफ को नवंबर 2007 में संविधान से इतर आपातकाल लागू करने की वजह से सुनाई गई है. मुशर्रफ देश में आपातकाल लागू करने के बाद मार्शल लॉ लगा दिया था.
पूर्व सेनाध्यक्ष परवेज मुशर्रफ इस समय दुबई में हैं. दिसंबर 2013 उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला से लंबित था. कुछ दिन पहले मुशर्रफ ने एक वीडियो जारी की थी जिसमें उन्होंने अपने स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देते हुए कहा था कि जांच आयोग उनके पास आएं और देखें कि वो अभी किस हाल में हैं. संविधान की अवहेलना और देशद्रोह जैसे गंभीर मुकदमे को लेकर उन्होंने कहा कि, 'मेरे विचार में यह मामला पूरी तरह से निराधार है. देशद्रोह की बात छोड़ें, मैंने तो इस देश की बहुत सेवा की, युद्ध लड़े हैं और देश की दस साल तक सेवा भी की है.' फिलहाल अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने बहुमत से मुशर्रफ को फांसी की सजा का फैसला सुनाया है.
पूर्व सेनाध्यक्ष परवेज मुशर्रफ इस समय दुबई में हैं. दिसंबर 2013 उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला से लंबित था. कुछ दिन पहले मुशर्रफ ने एक वीडियो जारी की थी जिसमें उन्होंने अपने स्वास्थ्य खराब होने का हवाला देते हुए कहा था कि जांच आयोग उनके पास आएं और देखें कि वो अभी किस हाल में हैं. संविधान की अवहेलना और देशद्रोह जैसे गंभीर मुकदमे को लेकर उन्होंने कहा कि, 'मेरे विचार में यह मामला पूरी तरह से निराधार है. देशद्रोह की बात छोड़ें, मैंने तो इस देश की बहुत सेवा की, युद्ध लड़े हैं और देश की दस साल तक सेवा भी की है.' फिलहाल अदालत की तीन सदस्यीय पीठ ने बहुमत से मुशर्रफ को फांसी की सजा का फैसला सुनाया है.
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