तीन दिन बाद उत्तराखंड पहुंचा लद्दाख में शहीद हुए जवान देव बहादुर का पार्थिव शरीर

तीन दिन बाद उत्तराखंड पहुंचा लद्दाख में शहीद हुए जवान देव बहादुर का पार्थिव शरीर

 

लद्दाख में शहीद हुए उत्तराखंड के लाल देव बहादुर का पार्थिव शरीर तीन दिन बाद बुधवार की सुबह सेना के वाहन से ऊधमसिंहनगर पहुंचाया गया. शहीद देव बहादुर थापा का पार्थिव शरीर बुधवार सुबह 07 बजकर 25 मिनट पर पहुंचा. शहीद के पार्थिव शरीर को लेकर एम्बुलेंस जैसे ही पहुंची वहां लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. लोग शहीद की एक झलक पाने के लिए भारी संख्या में मौजूद हुए.करीब दो घंटा एम्बुलेंस लालपुर पर रुकी रही. बाइक पर सवार युवा तिरंगे के साथ जब तक सूरज चांद रहेगा, देव तेरा नाम रहेगा, दिल दिया है जान भी देंगे ऐ वतन तेरे लिए जैसे देशभक्ति नारों के साथ आगे आगे चल रहे थे. सड़क के दोनों ही ओर लोगों की लंबी कतारें थीं. महिलाएं घरों की छतों से पार्थिव शरीर देखने के लिए खड़ी थीं. मौके पर मौजूद विधायक राजेश शुक्ला शव के साथ चल रहे थे. मंगलवार के दिन दोपहर करीब डेढ़ बजे लद्दाख से सेना का वायुयान शहीद का पार्थिव देह लेकर दिल्ली रवाना हो गया था. बताया जा रहा है की शहीद देव बहादुर की अंत्येष्टि कनकपुर और राघवनगर के मध्य बने श्मशान घाट पर होगी. एसडीएम विवेक प्रकाश ने जानकारी देते हुए बताया कि शहीद देव बहादुर की पार्थिव देह को यहां गौरीकला स्थित प्राथमिक स्कूल में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा. यहाँ राज्यपाल की ओर से पुष्पचक्र अर्पित किया जाएगा. इसके अलावा प्रदेश सरकार की ओर से शहीद को मंत्री यशपाल आर्य श्रद्धांजलि देंगे. एसडीएम ने बताया कि शहीद को अंतिम सलामी दने के हल्द्वानी से लिए सेना का विशेष बैंड आया है.

तीन दिन बाद उत्तराखंड पहुंचा लद्दाख में शहीद हुए जवान देव बहादुर का पार्थिव शरीर
बताया जा रहा है कि रात को गश्त के दौरान जवान देव बहादुर का पैर जमीन पर बिछी डायनामाइट पर पड़ गया था. इस दौरान हुए धमाके में देव बहादुर शहीद हो गए. परिवार को रात करीब 11 बजे घटना की जानकारी मिली. आपको बता दें देव बहादुर को बचपन से ही आर्मी में जाकर देश सेवा करने का मन था. शहीद जवान देव बहादुर की भर्ती 2016 में भारतीय सेना के 6/1 गोरखा रेजिमेंट के बैच में हुई थी.


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