Uttarakhand Glacier Burst: लोग चिल्लाते रहे भागो-भागो, पर नदी की गर्जना के चलते नहीं सुन सके मजदूर...

Uttarakhand Glacier Burst: लोग चिल्लाते रहे भागो-भागो, पर नदी की गर्जना के चलते नहीं सुन सके मजदूर...




चमोली: खिलखिलाती और चटख धूप में अचानक धौली गंगा का रौद्र रूप देखकर तपोवन और रैणी क्षेत्र के ग्रामीण भौचक्के रह गए. लोगों ने कभी सोचा भी नहीं था कि कलकल और शांत स्वभाव में बहने वाली ऋषि गंगा इतनी तबाही मचा देगी. नदी की गर्जन को देख कर लोग भागो-भागो की आवाजें लगा रहे थे. प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि ऐसा भयानक मंजर आज तक कभी भी नहीं देखा. ऋषि गंगा शीर्ष भाग से ढलान पर बहती है, जिससे नदी के पानी का तेज बहाव निचले क्षेत्र में पहुंचा और सब कुछ तबाह करता चला गया. रैणी गांव निवासी शंकर राणा ने बताया कि सुबह 9:30 बजे अचानक ऊंचे हिमालयी क्षेत्र से सफेद धुएं के साथ नदी मलबे के साथ बहकर आ रही थी. नदी की डरावनी आवाज से लोग अपने घरों से बाहर निकल गए.

Uttarakhand Glacier Burst: लोग चिल्लाते रहे भागो-भागो, पर नदी की गर्जना के चलते नहीं सुन सके मजदूर...

तपोवन निवासी संदीप नौटियाल ने बताया कि रोज की तरह लोग मेहनत मजदूरी के लिए जा रहे थे. तपोवन-विष्णुगाड जल विद्युत परियोजना के निर्माण में मजदूर काम कर रहे थे. जैसे ही धौली गांव का जलस्तर बढ़ने लगा वैसे ही लोगों में अफरा-तफरी मच गई. कई लोग बैराज पर काम कर रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भागने के लिए आवाजें लगा रहे थे लेकिन तेज गर्जना से मजदूरों को कुछ सुनाई नहीं दे रहा था. देखते ही देखते बैराज और टनल मलबे में दफन हो गया.



ऐसा भीषण जल प्रलय कभी नहीं देखा


रैणी गांव के प्रेम बुटोला ने कहा, यह तबाही नंदा देवी पर्वत की तलहटी से ग्लेशियर के टूटने से मची है. उन्होंने कहा कि ऐसा भयंकर जल प्रलय उन्होंने कभी नहीं देखा था. तपोवन के सुभाष थपलियाल का कहना है कि चंद मिनटों में ही सब कुछ खाक हो गया. नदी का रौद्र रूप देखकर लोग सहमे हुए हैं.

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