पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी की संपत्ति की होगी जांच. हाईकोर्ट में पूर्व मुख्यमंत्रियों की बकाया राशि के मामले में सुनवाई पूरी

उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों पर बकाया राशि के मामले में नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है. नैनीताल उच्च न्यायालय ने मंगलवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया है. आपको बता दें कि उत्तराखंड उच्च न्यायालय कभी भी अपना आदेश सुना सकता है. सुनवाई के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा और रमेश पोखरियाल निशंक के अधिवक्ताओं ने कोर्ट में कहा कि बाजार रेट क्या है या उनको कितना बकाया देना है उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं है. लेकिन उन्होंने सरकारी रेट के हिसाब से पैसा जमा कर दिया है.
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने न्यायालय में जवाब दाखिल किया कि वह बकाया धनराशि देने में असमर्थ हैं. इस पर याचिकाकर्ता ने 2007 में चुनाव आयोग को दिए गए भगत सिंह कोश्यारी के संपत्ति ब्योरे का हवाला दिया. इस पर न्यायालय ने भगत सिंह कोश्यारी के अधिवक्ता पर नाराजगी जाहिर की. आपको बता दें कि उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी आवास खाली कराए जाने को लेकर जनहित याचिका दायर की गई थी. देहरादून की रूरल लिटिगेशन इंटाइटलमेंट केन्द्र ने यह जनहित याचिका दायर की थी इसमें कहा गया था कि पूर्व मुख्यमंत्रियों को दिए जाने वाले सरकारी आवास और सरकारी सुविधाएं असंवैधानिक हैं.
इसलिए उनसे बाजार रेट से पूरा किराया और अन्य सुविधाओं का पूरा पैसा लिया जाना चाहिए. हालांकि सरकार ने प्रदेश के 5 पूर्व मुख्यमंत्रियों पर लगभग 2 करोड़ 85 लाख रुपए की राशि बकाया होने की जानकारी न्यायालय को दी. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री रहे इस रमेश पोखरियाल निशंक पर 40 लाख 95 हजार, भुवन चंद्र खंडूरी पर 46 लाख 59 हजार, भगत सिंह कोश्यारी पर 47 लाख 57 हजार, विजय बहुगुणा पर 37 लाख 50 हजार और पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय एनडी तिवारी नारायण दत्त तिवारी के नाम पर 1 करोड़ 13 लाख रुपए की बकाया राशि है.

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