एम्बुलेंस ना मिलने पर बेटे को 3 किलोमीटर पीठ पर लादकर पैदल चले पिता. बहुत मुश्किल से पहुंचाया अस्पताल
उत्तराखंड के बागेश्वर में स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल हैं. साथ ही वहां के चिकित्साकर्मी भी असंवेदनशील होते जा रहे हैं. बागेश्वर जिले में कपकोट के गांव रिखाड़ी में पहाड़ी से गिरे किशोर को अस्पताल लाने के लिए पिता ने 108 सेवा को फोन कर मदद मांगी तो उन्होंने असमर्थता जताते हुए रिखाड़ी तक आने से इंकार कर दिया. किसी की सहायता नहीं मिलने पर पिता ने बेटे को पीठ पर लादा और तीन किमी पैदल चलकर बाबे बैंड तक ले आए. उसके बाद उसे पिकअप से सौंग लाया गया. फिर जाकर उसे 108 एंबुलेंस से कपकोट अस्पताल लाया गया.
रिखाड़ी निवासी चंचल राम का सोमवार को 15 वर्षीय पुत्र नीरज कुमार आर्य पहाड़ी से गिरकर घायल हो गया था. काफी कोशिशों के बावजूद उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस का इंतजाम नहीं हो पाया. नीरज के पिता चंचल राम ने बताया कि बेटे को अस्पताल पहुंचाने के लिए जब उन्होंने 108 को फोन किया तो वाहन में तेल न होने और वाहन के खराब होने की बात कही गई और उन्होंने रिखाड़ी तक आने से मना कर दिया. काफी गुजारिश करने के बाद एंबुलेंस कपकोट से सौंग तक पहुंची. नीरज के पिता चंचल राम ग्रामीणों की मदद से नीरज को बाबे बैंड तक पीठ पर लादकर लाए और वहां से उसे पिकअप द्वारा सौंग तक लाया गया. उसके बाद यहां से 108 एंबुलेंस से कपकोट लेकर पहुंच पाए.
रिखाड़ी निवासी चंचल राम का सोमवार को 15 वर्षीय पुत्र नीरज कुमार आर्य पहाड़ी से गिरकर घायल हो गया था. काफी कोशिशों के बावजूद उसे अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस का इंतजाम नहीं हो पाया. नीरज के पिता चंचल राम ने बताया कि बेटे को अस्पताल पहुंचाने के लिए जब उन्होंने 108 को फोन किया तो वाहन में तेल न होने और वाहन के खराब होने की बात कही गई और उन्होंने रिखाड़ी तक आने से मना कर दिया. काफी गुजारिश करने के बाद एंबुलेंस कपकोट से सौंग तक पहुंची. नीरज के पिता चंचल राम ग्रामीणों की मदद से नीरज को बाबे बैंड तक पीठ पर लादकर लाए और वहां से उसे पिकअप द्वारा सौंग तक लाया गया. उसके बाद यहां से 108 एंबुलेंस से कपकोट लेकर पहुंच पाए.
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