शुक्रवार को नैनीताल डीएम सविन बंसल की पत्नी रुतबे को दरकिनार कर बेटे के उपचार के लिए बीडी पांडे जिला अस्पताल पहुंची तो सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं का सच देख वह दंग रह गईं. उन्हें पहले तो पर्चा बनवाने के लिए ही आधा घंटा लाइन में लगना पड़ा और फिर डॉक्टर के लिए इंतजार किया. डॉक्टर जैसे ही अपने कक्ष में पहुंचे तो बच्चे के साथ बैठी महिला को देख बिगड़ गए. इस बारे में डीएम से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्था सुधारने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे. और लापरवाह डॉक्टरों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
शुक्रवार को जिलाधिकारी सविन बंसल ने चोरगलिया का दौरा कर वहां की व्यवस्थाएं देखीं. उनके पीछे उनकी पत्नी सुरभि बंसल अपने बेटे सनव को दिखाने बीडी पांडे जिला अस्पताल पहुंचीं. उन्होंने अपना परिचय नहीं दिया, अगर वह अपना परिचय देतीं तो पूरा अमला उनके पीछे लग जाता लेकिन वह सामान्य महिला की तरह पर्चा बनाने के लिए अन्य लोगों के साथ लाइन में लगीं. पर्चा बनने में ही आधा घंटा लग गया. इसके बाद उन्होंने बच्चे को बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एमएस रावत को दिखाया. डॉ. रावत को दिखाने के बाद सुरभि बंसल दूसरे विशेषज्ञ चिकित्सक के कक्ष में पहुंचीं तो वह अपने कक्ष में मौजूद नहीं थे. इस पर वह डॉक्टर के कक्ष में बैठकर ही इंतजार करने लगीं. कुछ देर बाद डॉक्टर कक्ष में पहुंचे तो कमरे में महिला को बच्चे के साथ बैठा देख बिगड़ गए और कहने लगे कि जब डॉक्टर कक्ष में नहीं होते तो बाहर बैठकर इंतजार करना चाहिए.
डीएम की पत्नी को इसके अलावा भी कई अन्य अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा. वापस लौटते समय जब उन्हें लेने सरकारी गाड़ी पहुंची तब अस्पताल प्रशासन को हकीकत का पता चला, जिससे अस्पताल प्रशासन में खलबली मच गई. डीएम सविन बंसल ने जानकारी देते हुए बताया कि यह उनके बेटे का रूटीन चेकअप था जिससे सीधे तौर पर अस्पताल की व्यवस्थाओं का भी जायजा भी लिया जा सका. अस्पताल में मरीजों को परेशानी का सामना करते हुए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. डॉक्टरों के नदारद होने की शिकायत भी लगातार मिल रही है. डीएम का कहना है कि व्यवस्थाएं सुधारने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे और लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. डीएम ने यह भी कहा कि डॉक्टरों को काउंसलिंग की भी जरूरत है कि किस तरह आमजन से पेश आया जाए. इसको ध्यान में रखते हुए समय समय पर काउंसलिंग की भी व्यवस्था की जाएगी.
शुक्रवार को जिलाधिकारी सविन बंसल ने चोरगलिया का दौरा कर वहां की व्यवस्थाएं देखीं. उनके पीछे उनकी पत्नी सुरभि बंसल अपने बेटे सनव को दिखाने बीडी पांडे जिला अस्पताल पहुंचीं. उन्होंने अपना परिचय नहीं दिया, अगर वह अपना परिचय देतीं तो पूरा अमला उनके पीछे लग जाता लेकिन वह सामान्य महिला की तरह पर्चा बनाने के लिए अन्य लोगों के साथ लाइन में लगीं. पर्चा बनने में ही आधा घंटा लग गया. इसके बाद उन्होंने बच्चे को बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. एमएस रावत को दिखाया. डॉ. रावत को दिखाने के बाद सुरभि बंसल दूसरे विशेषज्ञ चिकित्सक के कक्ष में पहुंचीं तो वह अपने कक्ष में मौजूद नहीं थे. इस पर वह डॉक्टर के कक्ष में बैठकर ही इंतजार करने लगीं. कुछ देर बाद डॉक्टर कक्ष में पहुंचे तो कमरे में महिला को बच्चे के साथ बैठा देख बिगड़ गए और कहने लगे कि जब डॉक्टर कक्ष में नहीं होते तो बाहर बैठकर इंतजार करना चाहिए.
डीएम की पत्नी को इसके अलावा भी कई अन्य अव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा. वापस लौटते समय जब उन्हें लेने सरकारी गाड़ी पहुंची तब अस्पताल प्रशासन को हकीकत का पता चला, जिससे अस्पताल प्रशासन में खलबली मच गई. डीएम सविन बंसल ने जानकारी देते हुए बताया कि यह उनके बेटे का रूटीन चेकअप था जिससे सीधे तौर पर अस्पताल की व्यवस्थाओं का भी जायजा भी लिया जा सका. अस्पताल में मरीजों को परेशानी का सामना करते हुए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. डॉक्टरों के नदारद होने की शिकायत भी लगातार मिल रही है. डीएम का कहना है कि व्यवस्थाएं सुधारने के लिए कड़े कदम उठाए जाएंगे और लापरवाही बरतने वाले डॉक्टरों के खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी. डीएम ने यह भी कहा कि डॉक्टरों को काउंसलिंग की भी जरूरत है कि किस तरह आमजन से पेश आया जाए. इसको ध्यान में रखते हुए समय समय पर काउंसलिंग की भी व्यवस्था की जाएगी.
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