उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए नैनीताल हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. जिसे सुनवाई के लिए हाईकोर्ट ने स्वीकार कर लिया है. राष्ट्रपति शासन लागू करने की मांग को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली खण्डपीठ ने शुक्रवार तक राज्य सरकार से अपना पक्ष कोर्ट में रखने के कहा है. राज्य में पंचायतों के चुनाव न कराए जाने को संवैधानिक संकट बताते हुए हरिद्वार निवासी नईम अहमद द्वारा हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है.
आपको बता दें कि 15 जुलाई को राज्य में पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो गया है. संविधान व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्यकाल पूरा होने तक चुनाव कराए जाने अनिवार्य हैं, लेकिन राज्य सरकार ने चुनाव कराने की बजाए छह जुलाई को राज्य में ग्राम पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति कर दी. राज्य सरकार चुनाव ना कराए जाने पर हरिद्वार के नईम अहमद ने जनहित याचिका दाखिल करते हुए कहा कि राज्य सरकार संवैधानिक कर्तव्य का पालन नहीं कर सकी, उन्होंने मांग की है कि राज्य में संविधान का अनुछेद 356 के तहत सरकार को हटाकर राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए. इस याचिका में सरकार व राज्य निर्वाचन आयोग को पक्षकार बनाया गया है.
आपको बता दें कि 15 जुलाई को राज्य में पंचायतों का कार्यकाल खत्म हो गया है. संविधान व सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार कार्यकाल पूरा होने तक चुनाव कराए जाने अनिवार्य हैं, लेकिन राज्य सरकार ने चुनाव कराने की बजाए छह जुलाई को राज्य में ग्राम पंचायतों में प्रशासकों की नियुक्ति कर दी. राज्य सरकार चुनाव ना कराए जाने पर हरिद्वार के नईम अहमद ने जनहित याचिका दाखिल करते हुए कहा कि राज्य सरकार संवैधानिक कर्तव्य का पालन नहीं कर सकी, उन्होंने मांग की है कि राज्य में संविधान का अनुछेद 356 के तहत सरकार को हटाकर राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए. इस याचिका में सरकार व राज्य निर्वाचन आयोग को पक्षकार बनाया गया है.
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