उत्तराखंड के 10000 तथा यूपी के 70000 होमगार्डों को सुप्रीम कोर्ट ने राहत दी है. होमगार्ड जवानों को अब कांस्टेबल के न्यूनतम वेतन के अनुरूप ही भत्ता दिया जाएगा. हालांकि होमगार्डों को नियमित करने से शीर्ष अदालत ने इंकार किया है. अभी तक होमगार्डों को ₹500 प्रति कार्य दिवस के हिसाब से दिया जाता था. लेकिन अब इन्हें कॉन्स्टेबल के न्यूनतम वेतन के बराबर भत्ता दिया जाएगा.
मंगलवार को न्यायमूर्ति एसए बोबडे, आर सुभाष रेड्डी एवं न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए यूपी सरकार की याचिका को खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने एरियर देने का भी आदेश दिया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के भी लगभग 10 हजार होमगार्डों को कांस्टेबल के न्यूनतम वेतन के अनुरूप भत्ता देने का आदेश जारी किया है.
नहीं कर सकते होमगार्डों को प्रताड़ित
भले ही शीर्ष अदालत ने होमगार्डों को नियमित करने से मना कर दिया हो लेकिन शीर्ष अदालत ने कहा कि होमगार्ड भी नियमित कॉन्स्टेबल के बराबर ही काम करते हैं. लिहाजा राज्य सरकार द्वारा उन्हें भी न्यूनतम वेतन भत्ता देना चाहिए. पीठ का कहना है कि इन लोगों को इस तरह से प्रताड़ित करना उचित नहीं है.
मंगलवार को न्यायमूर्ति एसए बोबडे, आर सुभाष रेड्डी एवं न्यायमूर्ति बीआर गवई की पीठ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए यूपी सरकार की याचिका को खारिज कर दिया. हाईकोर्ट ने एरियर देने का भी आदेश दिया है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के भी लगभग 10 हजार होमगार्डों को कांस्टेबल के न्यूनतम वेतन के अनुरूप भत्ता देने का आदेश जारी किया है.
नहीं कर सकते होमगार्डों को प्रताड़ित
भले ही शीर्ष अदालत ने होमगार्डों को नियमित करने से मना कर दिया हो लेकिन शीर्ष अदालत ने कहा कि होमगार्ड भी नियमित कॉन्स्टेबल के बराबर ही काम करते हैं. लिहाजा राज्य सरकार द्वारा उन्हें भी न्यूनतम वेतन भत्ता देना चाहिए. पीठ का कहना है कि इन लोगों को इस तरह से प्रताड़ित करना उचित नहीं है.
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