कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के अपना पद से इस्तीफा देने के बाद अब उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. हरीश रावत ने लोकसभा चुनाव में मिली कि जिम्मेदारी लेते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया है. अपनी फेसबुक पोस्ट में हरीश रावत ने लिखा है कि "लोकसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की हार एवं संगठनात्मक कमजोरी के लिए हम पदाधिकारीगण उत्तरदायी है" असम में पार्टी द्वारा अपेक्षित स्तर का प्रदर्शन न कर पाने के लिए प्रभारी के रूप में उन्होंने खुद को उत्तरदायी माना है.
उन्होंने कहा कि मैंने अपनी कमी को स्वीकारते हुए अपने महामंत्री के पद से पूर्व में ही त्यागपत्र दे दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के लिए समर्पित भाव से काम करने के लिए मेरी स्थिति के लोगों के लिए पद आवश्यक नहीं है. मगर प्रेरणा देने वाला नेता आवश्यक है. प्रेरणा देने की क्षमता सिर्फ राहुल जी में है. हरीश रावत का कहना है कि अगर राहुल गांधी के हाथ में बागडोर रहे तो यह संभव है कि हम 2022 में राज्यों में हो रहे चुनाव में वर्तमान स्थिति को बदल सकते है. और 2024 में भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी जी को हरा सकते है. इसलिए लोकतांत्रिक शक्तियां व सभी कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल गांधी जी को कांग्रेस अध्यक्ष पद पर देखना चाहते है.
उन्होंने कहा कि मैंने अपनी कमी को स्वीकारते हुए अपने महामंत्री के पद से पूर्व में ही त्यागपत्र दे दिया है. उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी के लिए समर्पित भाव से काम करने के लिए मेरी स्थिति के लोगों के लिए पद आवश्यक नहीं है. मगर प्रेरणा देने वाला नेता आवश्यक है. प्रेरणा देने की क्षमता सिर्फ राहुल जी में है. हरीश रावत का कहना है कि अगर राहुल गांधी के हाथ में बागडोर रहे तो यह संभव है कि हम 2022 में राज्यों में हो रहे चुनाव में वर्तमान स्थिति को बदल सकते है. और 2024 में भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी जी को हरा सकते है. इसलिए लोकतांत्रिक शक्तियां व सभी कांग्रेस कार्यकर्ता राहुल गांधी जी को कांग्रेस अध्यक्ष पद पर देखना चाहते है.
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