उत्तराखंड का बेटा पाकिस्तानी गोलाबारी में हुआ घायल. गोली लगने के बावजूद पाकिस्तान की दो पोस्टें की तबाह.

एलओसी पर पाकिस्तानी सेना की ओर से की गई गोलाबारी में उत्तराखंड के बागेश्वर जिले के ग्राम पालनीकोट निवासी 18 जैक राइफल यूनिट के सिपाही शुभम थापा गोली लगने से घायल हो गए. घायल शुभम ने अपने साथी जवान को खोने के बाद भी पाक सेना काे मुंहतोड़ जवाब देना जारी रखा. उन्होंने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान की दो पोस्टों को तबाह कर दिया. सेना के कमान अस्पताल उधमपुर में घायल शुभम का उपचार चल रहा है. गांव पालनीकोट निवासी शुभम थापा पुत्र सुरेंद्र सिंह थापा 18 जैक राइफल यूनिट में सिपाही हैं. शुभम ने मिशन इंटर कॉलेज से 12वीं की पढ़ाई पूरी की है. जिसके बाद वह सेना में भर्ती हो गए. इन दिनों वह जम्मू में तैनात हैं. सोमवार सुबह साढ़े सात से साढ़े आठ बजे तक पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर पलांवाला सेक्टर के गांव बरडोह और बटल को निशाना बनाते हुए भारी गोलाबारी की.
पाकिस्तानी सेना की तरफ से दागे गए गोलों से शुभम के अलावा साथी जवान मो. आरिफ शफी और आलम खान पठान घायल हो गए. घायल जवानों को एयरलिफ्ट कर सेना के कमान अस्पताल उधमपुर लाया गया जहां आरिफ ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. शुभम थापा का फिलहाल अस्पताल में उपचार चल रहा है. बताया जा रहा है कि शुभम के कंधे और पैर में गोली लगी है. शुभम ने घायल होने के बाद भी पाकिस्तान की तरफ से लगातार की जा रही गोलाबारी का मुकाबला करते हुए उन्हें मुंहतोड़ जवाब दिया. जवाबी कार्रवाई में उन्होंने पाकिस्तान की दो पोस्टें तबाह कर दी. शुभम के पिता सुरेंद्र सिंह थापा को रेजीमेंट के आफिसर ने फोन पर शुभम के घायल होने की सूचना दी. सेना से फोन आते ही वह काफी चिंतित हो गए. जिसके बाद उन्होंने दिल्ली के एक अस्पताल में नौकरी कर रही अपनी बेटी गीतांजलि को बेटे का हालचाल जानने के लिए उधमपुर जाने के लिए कहा है. बेटी के सेना के अस्पताल पहुंचने के बाद उन्हें बेटे को गोली लगने के बारे में पता लगा. परिजनों ने बताया कि शुभम के कंधे और पैर में गोली लगी है जिसे निकाल लिया गया है. अभी उनका उपचार जारी है. फिलहाल उनकी हालत अभी खतरे से बाहर है. शुभम के साहस की सराहना करते हुए क्षेत्र के लोगों ने उनके जल्द स्वस्थ होने की कामना की है.

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