कालाढूंगी(कोटाबाग): स्वतंत्रता संग्राम सेनानी रहे हरीश चंद्र ढौडियाल का निधन. पढ़िए पूरी खबर

कालाढूंगी: मंगलवार की सुबह तड़के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हरीश चंद्र ढौडियाल (95) का उनके निवास स्थान पर निधन हो गया. उनका स्वास्थ्य काफी दिनों से खराब चल रहा था. रानीबाग स्थित चित्रशिला घाट पर बुधवार को उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हरीश चंद्र ढौडियाल के निधन से कोटाबाग क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई. तहसीलदार सहित कई प्रशासनिक अधिकारियों ने उनके घर सांत्वना देने पहुंचे. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हरीश चंद्र ढौडियाल का जन्म 20 नवंबर 1924 को कोटाबाग के आंवलाकोट गांव में हुआ था. उनकी प्रारंभिक शिक्षा भी कोटाबाग में ही हुई.
उच्च शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्राप्त की. उसके बाद उन्होंने लखनऊ से पीएचडी की और फिर वकालत करने के लिए बरेली चले गए. स्वतंत्रता आंदोलन में हरीश चंद्र ढौडियाल ने अहम भूमिका निभाई थी. जिसके लिए कई बार उनको जेल भी जाना पड़ा. भूमि आंदोलन में उन्होंने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया था. ढौडियाल इलाहाबाद युनिवर्सिटी में स्टूडेंट फेडरेशन के अध्यक्ष भी रहे. उनके परिवार में पत्नी शकुंतला देवी (90), एक पुत्र और तीन पुत्रियां हैं. आजादी के लिए चलाए गए आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हरीश चंद्र ढौडियाल अपने साथी श्याम लाल वर्मा के साथ बरेली जेल भी गए थे. आपको बता दें कि कोटाबाग क्षेत्र स्वतंत्रता सेनानियों का गढ़ रहा है. कोटाबाग क्षेत्र से लगभग 24 स्वतंत्रता सेनानी रहे थे. जिनमें से एक मात्र हरीश चंद्र ढौडियाल ही जीवित थे. लेकिन मंगलवार के दिन उनका निधन हो गया.

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