covid-19: तब्लीगी जमात में शामिल लोग देश के अलग अलग राज्यों में पहुंचे. जानिए तब्लीगी जमात के बारे में और उससे जुड़ी पूरी रिपोर्ट.
कोरोना वाइरस के कारण हुए लॉक डाउन के बीच 31 मार्च को तेलंगाना से आई खबर से हड़कंप मच गया था. तेलंगाना में कोरोना वाइरस के कारण 6 लोगो की मौत हो गयी थी. जांच में पता चला कि ये सभी लोग दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में हुई धार्मिक बैठक में शामिल होने के बाद घर लौटे थे. यह बैठक थी "तब्लीगी जमात की". जो दिल्ली के निजामुद्दीन इलाके में स्थित मरकज में आयोजित की गई थी. इस सभा मे लगभग 3400 लोग शामिल हुए थे. जिसमे से लगभग 2000 लोग विदेशी थे. इस बैठक की शुरुआत दिल्ली में 13 मार्च से हुई थी.
जाने क्या है तब्लीगी जमात ??
"तब्लीगी जमात" एक ऐसा समाज है जो कि विश्वास फैलाने का कार्य करता है तब्लीगी जमात का अर्थ है अल्लाह के संदेशों का प्रचार प्रसार करने वाला समूह. और मरकज का अर्थ है सभा आयोजित करने का स्थान. इस समुह की स्थापना 1926 में हुई थी. भारत मे इस समूह का मुख्यालय दिल्ली के निज़ामुद्दीन इलाके में स्थित है. तब्लीगी जमात से जुड़े लोग धार्मिक इस्लाम को मानने वाले लोग होते हैं. इस तब्लीगी जमात के सदस्यों की संख्या दुनियाभर में लगभग 15 करोड़ है. तब्लीगी जमात एक इस्लामिक आंदोलन है. इस आंदोलन के सदस्य केवल भारत के ही नही बल्कि अन्य देशों के भी हैं.
तब्लीगी जमात क्यों है सुर्खियों में??
देश भर मे तब्लीगी जमात से आये लोगो में कोरोना वाइरस के लक्षण पाए गए हैं. और कुछ लोगो मे कोरोना का संक्रमण पाया गया है.
आइये जाने कैसे बना तब्लीगी जमात संक्रमण का कारण??
13 मार्च: दिल्ली के निज़ामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात की बैठक हुई, जहाँ पर 3400 लोग शामिल हुए थे जिसमें से लगभग 2000 लोग विदेशी थे.
16 मार्च: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यह घोषणा की कि कोई भी धर्मिक बैठक उनके प्रदेश में नही होगी. जहाँ पर 50 से ज्यादा लोग इकट्ठे हो.
20 मार्च: 10 इंडोनेशियन लोग जो इस धर्मिक बैठक में शामिल हुए थे. वे इस बैठक से तेलंगाना के लिए निकले. तेलंगाना में इन लोगो की कोरोना संक्रमण की जांच हुई. जहाँ पर इन लोगो की जांच पॉजिटिव पायी गयी.
23 मार्च: देश विदेश से आये 1500 लोगों ने मरकज को खाली किया.
24 मार्च: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 21 दिनों के लॉक डाउन की घोषणा की. इसके चलते पुलिस ने मरकज को खाली कराने की कोशिश की.
25 मार्च: 1000 लोग अभी भी मरकज में ही थे. इन लोगों ने पुलिस के निर्देशो को अनदेखा किया और मरकज खाली नहीं किया. इसी कारण से एक मेडिकल टीम बनाई गई और मरकज के अंदर भेजी गई. मेडिकल टीम ने संदिग्घ लोगों को अलग किया.
26 मार्च: श्रीनगर से एक व्यक्ति की कोरोना वायरस के संक्रमण से मौत की खबर आई. जो इस मरकज में शामिल हुआ था, और श्रीनगर वापस पहुंचते ही इस व्यक्ति की कोरोना वाइरस के संक्रमण से मौत हो गयी.
27 मार्च: इस दिन भी लोगों ने निर्देशों का पालन नहीं किया और मरकज खाली नहीं किया.
28 मार्च: लाजपत नगर के एसीपी ने मरकज को खाली करने के लीगल नोटिस भेजे.
रात 29 मार्च: पुलिस और स्वास्थ्य अधिकारीयों ने सभी 1000 लोगों को निकाला. 300 लोगों को अस्पताल में रखा गया और 700 लोगो को क्वारंटाइन में रखा गया.
31 मार्च: दिल्ली सरकार ने बताया कि अभी तक 441 लोग जिन्हें मरकज से बाहर निकाला गया था उनमें covid-19 के लक्षण पाए गए हैं.
तब्लीगी जमात में शामिल सदस्यों के देश:
मलेशिया, इंडोनेशिया, थाईलैंड, नेपाल, म्यामार, कजाकिस्तान, सऊदी अरब, अफगानिस्तान, श्री लंका, बांग्लादेश, इंग्लैंड, फ्रांस,कुवैत.
तब्लीगी जमात की बैठक के कारण देश के कई राज्यों में कोरोना के बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है.
पुलिस और प्रशासन जमात में आये लोगों की शिनाख्त में जुटी हुई है. लोगो से संपर्क करने की कोशिश की जा रही है. इस मामले में सरकार भी लोगों से अपील कर रही है कि जो लोग इस बैठक में शामिल हुए थे वो खुद को क्वारंटाइन में रखें, तथा हेल्पलाइन में संपर्क करके खुद की जांच करवाएं.
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