चमोली आपदा: लापता पत्नी और बेटी के लौटने की आस लगाए हैं रामकृष्ण. आंखों से नहीं थम रहे आंसू

चमोली आपदा: लापता पत्नी और बेटी के लौटने की आस लगाए हैं रामकृष्ण. आंखों से नहीं थम रहे आंसू




उत्तराखंड की ऋषिगंगा के सैलाब ने दूध बेचकर घर का भरण पोषण करने वाले रामकृष्ण के परिवार का सुख चैन छीन लिया है. आपदा के 12 दिन बाद भी उनकी पत्नी और बेटी दोनों अभी तक लापता हैं. उनका रो-रोकर बुरा हाल है. रामकृष्ण कहते हैं कि हर समय बेटी और पत्नी का चेहरा उनके सामने आ जाता है. ऋषिगंगा की आपदा कई परिवारों को कभी न भरने वाले जख्म दे गई. इस आपदा में किसी ने बेटा, किसी ने पति तो किसी ने पत्नी को खो दिया. इस आपदा के कारण क्षेत्र के कई घरों में दुखों का सैलाब उमड़ा हुआ है.
तपोवन निवासी 55 वर्षीय रामकृष्ण सेमवाल की 21 वर्षीय बेटी अंजना और उनकी पत्नी सरोजनी देवी घास काटने के लिए धौली नदी के किनारे गए थे. अचानक ऋषिगंगा में आई बाढ़ के सैलाब में दोनों बह गए. रामकृष्ण बताते हैं बेटी ने इंटर पास कर बीए में दाखिला लिया था. हम उसकी शादी करने पर भी विचार कर रहे थे. लेकिन अब वह कहां खो गई कुछ पता नहीं. रैणी गांव में आई आपदा ने मेरे घर को उजाड़ दिया है.
चमोली आपदा: लापता पत्नी और बेटी के लौटने की आस लगाए हैं रामकृष्ण. आंखों से नहीं थम रहे आंसू

रामकृष्ण की एक बेटी संजना 10वीं और बेटा शिवम नवीं कक्षा में पढ़ता है. परिवार में आर्थिकी का कोई दूसरा साधन नहीं है. पत्नी और बेटी के जाने के बाद अब अन्य बच्चों की परवरिश के साथ गाय भैंस पालना उनके लिए बहुत मुश्किल है.
बता दें कि आपदा में लापता 204 लोगों में से अभी तक 61 शव मिल चुके हैं, जबकि 143 का अभी भी कुछ पता नहीं चल सका है. वहीं अलग-अलग स्थानों से 27 मानव अंग भी बरामद हुए हैं. टनल से पानी निकालने के बाद से यहां फिर से मलबा हटाने का काम शुरू हो गया है.

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