इन दिनों पूरी दुनिया में कोरोना वायरस चर्चा का विषय बना हुवा है. इस महामारी से सम्बंधित बहुत से वीडियो भी आपने जरूर देखी होंगी और लगभग हर रोज ही आप कोई न कोई नई जानकारी इसके बारे में प्राप्त कर रहे है. अब माहौल लॉक डाउन का है तो लोगो के पास सोशल मीडिया साइट्स जैसे की फेसबुक, ट्विटर आदि पर ज्यादा समय बिताने का मौका मिल रहा है. आज हम भी जो खबर आपके लिए लेकर आये है वो भी सोशल मीडिया से ही जुडी हुई है. इन दिनों माइक्रो ब्लॉग्गिंग साइट ट्विटर पर एक हैशटैग काफी ट्रेंड कर रहा है "#पहले_कागज_फिर_व्यापार" . शायद ये पढ़कर आपको थोड़ा बहुत तो समझ आ गया होगा लेकिन अगर नहीं भी आया है तो हम आपको इसके बारे में जानकारी दे देते है.
तब्लीग़ी जमात से जुड़ा है ये हैशटैग "#पहले_कागज_फिर_व्यापार"
पूरा भारत इन दिनों लॉक डाउन हो चूका है और सरकार भी बार बार लोगो से अपील कर रही है की सब अपने घर पर ही रहे और इस महामारी को जल्दी से जल्दी समाप्त करने में अपना सहयोग दे. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 मार्च को एक दिन के जनता कर्फ्यू की मांग की जिसमे लोगो ने उनका पूरा साथ दिया। इसके बाद महामारी के हालातो को देखते हुवे 21 दिन के लॉक डाउन की घोषणा की गयी जिससे की देश में स्थिति को बेहतर बनाया जा सके लेकिन इसी बीच तब्लीग़ी जमात की बैठक में शामिल हुवे कई लोगो के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की खबरे आयी. जिसके बाद से ये खुलासा हुवा की कई देशो से आये हुवे लोग जो की इस बैठक में शामिल हुवे थे वो भारत में कई राज्यों में जा चुके है. इस सन्दर्भ में अधिक जानकारी के लिए आप यहां क्लिक करके जानकारी ले सकते है.
ट्विटर पर क्यों ट्रेंड करने लगा "#पहले_कागज_फिर_व्यापार"
सोशल मीडिया पर हमेशा से ही दो समुदाय के बीच मदभेद होते रहे है जिसके बारे में आप पहले से जानते है. इसी से शुरू हुवा ये हैशटैग ट्विटर पर काफी ट्रेंड कर रहा है. जिसको लेकर लोग अपनी अपनी राय व्यक्त कर रहे है. लोग CAB और NRC से इस मुद्दे को जोड़कर कई तस्वीरें शेयर कर रहे है. चलिए आपको भी दिखाते है इस हैशटैग से जुड़ी कुछ पोस्ट।
कई अफवाहे भी इस को लेकर सुनने को मिली
हम सभी चाहते है की हमारे परिवार वाले और जानने वाले सुरक्षित रहे. इसके चलते है कुछ भी नई खबर हमे मिलती है तो हम बिना उसकी पुष्टि किये धड़ल्ले से उसे अपने करीबी लोगो के साथ शेयर कर देते है. देश में जब इस तरह का माहौल हो तो जाहिर है अफवाहे भी उतनी ज्यादा उड़ेंगी. इस महामारी को लेकर भी कई अफवाहे उड़ाई जा रही है और कई वीडियो भी शेयर किये जा रहे है. वैसे तो आप कई अफवाहो के बारे में जान चुके होंगे लेकिन इस हैशटैग के साथ मिलकर भी कई तरह की अफवाहे उड़ाई गयी जिसके बारे में आपको हम बताते है.
कितना सही कितना गलत ?
हमारा देश भारत हमेशा से ही सेक्युलर देश के रूप में जाना जाता है. जिसकी बड़ी वजह है अलग अलग धर्मो और रीति रिवाजो के बावजूद लोगो में जो एकता देश के प्रति देखने को मिलती है. जिस तरह का माहौल इन दिनों देश में चल रहा है उस तरह से देखा जाए तो सबका फ़र्ज़ है की वो किसी भी संक्रमित का पता चलने पर इसकी सूचना दे और देशहित में अपना योगदान दे. इससे आप खुद की ही नहीं बल्कि दुसरो की भी सुरक्षा करेंगे। बात करे हैशटैग की तो आप हमे जरूर बताये की इस तरह के हैशटैग के ट्विटर जैसे बड़े सोशल मीडिया पर ट्रेंड करना कितना सही है या कितना गलत है ?
2 टिप्पणियाँ
https://twitter.com/Bharatbkd0734/status/1248513807145525248?s=19
जवाब देंहटाएंकौन कब्खत नफरतों के साथ जीना चाहता है लेकिन मौजूदा दौर में जिस तरह से एक ही मजहब के लोगों के कोरोना को फैलाने के प्रयास सामने आ रहे हैं उसने यह करने को विवश किया है ।जब आक्रमण कारी भारत में आये उससे पहले से भारत सेक्युलर है भारत को सेक्युलर होने के लिये किसी के सर्टिफिकेट की आवश्यकता नहीं है । हर मजहब हर पंत को लोगों को कहीं शरण न मिली हो लेकिन भारत में मिली हो उपासना पद्यति की स्वतंत्रता कहीं और हो न हो भारत में मिली है । आज धोखा जमाती दे रहे हैं तो सेक्युलरिज्म को पोषण देने की जिम्मेदारी हमारी कैसे है ? पुलिस चिकित्सा कर्मचारियों की टीम पर पथराव उनपर कौन थूक रहा है ? उनसे बचने के लिये अगर ट्रेंड चलाया जा रहा है तो बिल्कुल सही है इस प्रश्नचिहिन लगाने से आप लोगों की गलत नीयत स्पष्ट सामने आ रही है ! अगर आपकी नीयत सही होते तो प्रश्न जमातियों पर उठता पुलिस स्वास्थय कर्मचारियों को अपमानित उन्हें संक्रमित करने वालों पर प्रश्न उठाया जाता । दोषियों को पीडित दर्शाने का अपराध आप लोग कर रहे हैं ।
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